Ballia : अयोध्या, काशी बदला लेकिन नहीं बदला भृगु क्षेत्र
भृगु कॉरिडोर प्रोजेक्ट को नहीं मिला पंख
65 लाख की घोषणा के बाद भी न जाने कहां गुम हो गयी फाइल
रोशन जायसवाल
बलिया। आजादी के पहले और अब में बलिया की तस्वीर नहीं बदली। कई सरकारे आयी और गयी लेकिन किसी ने बलिया की तस्वीर को नहीं बदला। धार्मिक क्षेत्रों में भृगु क्षेत्र का नाम पूरी दुनिया में जाना जाता है। बागियों की धरती बलिया जो आज भी विकास में सबसे पीछे है। काशी बदला, अयोध्या बदला लेकिन भृगु क्षेत्र नहीं बदला। काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर बन कर उसका उद्घाटन भी हो गया और अयोध्या श्रीराम मंदिर को भव्य रूप दिया गया और उसका उद्घाटन बहुत धूम-धाम से किया गया। लेकिन भृगु मंदिर की भव्यता और विकास सपना बन कर रह गया। मौजूदा सरकार में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने 2022 दावा किया था कि बहुत जल्द करोड़ों रूपये की लागत से भृगु कॉरिडोर बनेगा। तत्कालीन जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने भृगु कॉरिडोर के लिए भृगु मंदिर का निरीक्षण भी किया और भृगु कॉरिडोर के प्रोजेक्ट को आगे भी बढ़ाया। सौम्या अग्रवाल के जाने के बाद भृगु कॉरिडोर की फाइल संस्कृत विभाग में धूल चाट रही है। ऐसे में सवाल अब यह उठने लगा है कि भृगु कॉरिडोर बनेगा या सपना रह जायेगा। इस सिलसिले में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से बहुत पहले बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि भृगु कॉरिडोर को बनाने के लिए सरकार से धन की डिमाण्ड की गयी है। पूरा धन मिलने के बाद भृगु कॉरिडोर पर काम लगेगा। ददरी मेला के कार्तिक पूर्णिमा के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते है, लेकिन भृगु मंदिर को देख लोग विकास होने की चर्चा शुरू कर देते है। लोगों की मानें तो भृगु मंदिर का कायाकल्प होना चाहिए, लेकिन क्या वहज है कि भृगु कॉरिडोर को गति नहीं मिल पा रही है। कहने वाले यह भी कहते है कि सरकार जिस दिन चाह दे उस दिन भृगु कॉरिडोर को गति मिल जायेगी।
काश भृगु मंदिर में सीएम का हो जाता आगमन
बलिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार बलिया में आये, लेकिन वह भृगु मंदिर दर्शन करने नहीं पहुंचे। यदि वह भृगु मंदिर दर्शन करने पहुंचे होते तो भृगु कॉरिडोर कब तक बनना शुरू हो गया होता। काश बलिया मुख्यमंत्री आते और भृगु जी का दर्शन करने पहुंच जाते तो भृगु कॉरिडोर के प्रोजेक्ट को गति मिल जाती। फिलहाल जो भी हो अभी भी समय है एक बार यूपी के मुख्यमंत्री भृगु मंदिर में दर्शन करने पहुंच जाते तो भृगु मंदिर का कायाकल्प हो जाता।
तत्कालीन डीएम के सामने 65 करोड़ से भृगु कॉरिडोर को बनाने की हुई थी चर्चा
बलिया को पर्यटन के मानिचत्र पर भृगु कॉरिडोर के रुप में विशेष पहचान देने के सम्बन्ध में 12 नवम्बर 2022 को बलिया आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भृगु आश्रम मंदिर को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने की घोषणा किया था, इसके मद्देनजर तत्कालीन जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने भृगु आश्रम मंदिर का निरीक्षण किया था। फिर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने मार्च 2023 में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद की बैठक में पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने भृगु कॉरिडोर का डीएम के सामने प्रजेंटेशन दिया था और बताया था कि 65 करोड़ के लागत से भृगु कॉरिडोर के साथ ही चित्रगुप्त मंदिर और शहीद पार्क में विकास कार्य कराए जाएंगे, इसकी शासन से स्वीकृति मिल चुकी है शीघ्र कार्य शुरु होगा। इससे जनपदवासियों को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के तर्ज पर इसके विकसित होने और पर्यटन क्षेत्र के रुप मे विकसित होने की उम्मीद जगी थी, लेकिन इसके ठंडे बस्ते में चले जाने से महर्षि भृगु की तपस्थली व पहचान से जुडे लोगोें मंे निराशा को देखते हुए नये नये पर्यटन स्थलांे के विकास पर अरबांे खर्च करने वाली योगी सरकार पौराणिक मान्यता के इस बलिया के पहचान से जुडे भृगु आश्रम मंदिर को विश्वनाथ व विंध्य कॉरिडोर के तर्ज पर शीघ्र विकसित करे, जिससे व्यापारियों और आमजन की आय बढ़ेगी और बलिया की संस्कृति और सभ्यता को बढ़ावा मिलेगा।
भानु प्रकाश सिंह बबलू, सचिव, ध्रुवजी सिंह स्मृती सेवा संस्थान, पूर, बलिया।