Ballia : धनंजय कन्नौजिया की दावेदारी ने बढ़ायी राजनैतिक सरगर्मी
रोशन जायसवाल,
बलिया। बिल्थरारोड सुरक्षित के पूर्व विधायक धनंजय कन्नौजिया के अध्यक्ष पद की दावेदारी ने भाजपा के राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी बढ़ा दी है। यह कहना कोई गलत नहीं होगा कि भाजपा दलितों को भी जिलाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठा सकती है। बुधवार को भाजपा कार्यालय में 56 लोगों ने अध्यक्ष पद के लिये नामांकत्र पत्र दाखिल किया। जिसमें पूर्व विधायक धनंजय कन्नौजिया, मिलन राम, शारदानंद साहनी व लाल बहादुर भारती आदि लोगों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है। सूत्र यह भी बता रहे है कि धनंजय कन्नौजिया के उपर भाजपा के एक बड़े नेता का हाथ है। यदि सबकुछ ठीक ठाक रहा तो पार्टी धनंजय कन्नौजिया पर भी विचार कर सकती है।
हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं है लेकिन यह चर्चा जरूर है कि 44 साल के बाद भाजपा की राजनीति में अभी तक भाजपा ने किसी दलित को जिलाध्यक्ष की कुर्सी पर नहीं बैठाया है। पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह द्वारा डा. भीमराव अंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर विपक्षी दलों एवं दलितों में आक्रोश व्याप्त था। ये भी हो सकता है कि दलितों को अपने तरफ खींचने के लिये भाजपा किसी दलित को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाने में पीछे नहीं रहेंगी।
गौरतलब हो कि जिले की मौजूदा राजनीति में बसपा उड़ान पर नहीं है अब उसके वोट पर भाजपा ने निशाना साधते हुए मुफ्त में अनाज मुहैया करा रही है। झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले दलितों पर फोकस करते हुए भाजपा नया दलित कार्ड खेल सकती है। क्योंकि मिशन 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा का अगला निशाना धोबी, हरिजन हो सकते है। क्योंकि राजभर समाज से सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर योगी सरकार में मंत्री है। वहीं निषाद समाज से संजय निषाद भी मंत्री है। ऐसे में दलित और धोबी बिरादरी से जुड़े नेताओं की पूर्वांचल में बढ़ावा मिले इसको लेकर भाजपा दलित चेहरे पर विचार कर सकती है। वैसे अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा भाजपा में जिलाध्यक्ष ब्राह्मण बिरादरी से ही रहे है। उसके बाद भूमिहार बिरादरी, उसके बाद यादव, उसके बाद वैश्य बिरादरी से भी नेताओं को मौका दिया है। अब हरिजन व धोबी पर भी राजनीतिक चर्चाएं शुरू हो गयी है।