Ballia : भृगु कारिडोर, मेडिकल कालेज व जिला जेल की नहीं रखी गयी आधारशिला
बीत गया वर्ष 2024, नव वर्ष से जनता को हैं बड़ी उम्मीदें
बलिया। वर्ष 2024 बीतने को है, नववर्ष 2025 का आगाज होने में महज कुछ ही घंटे शेष है। ऐसे में जनता को नववर्ष में अधिक से अधिक विकास कार्य होने की उम्मीद है। भृगु नगरी बलिया में भृगु कारिडोर, मेडिकल कालेज और जिला जेल की आधारशिला कब रखी जाएगी यह कोई नहीं जानता। बलिया कब विकास की दौड़ में सबसे आगे होगा यह किसी को भी नहीं पता। वर्ष 2024 में जो भी विकास कार्य अधूरे रहे गये है वे सभी कार्य नववर्ष में पूरे हो ऐसी जनता को उम्मीदें है। वहीं दूसरी तरफ बागी बलिया में एक से बढ़कर एक महोत्सव का आयोजन किया गया। इसमें बलिया महोत्सव, ददरी मेला का भव्य आयोजन प्रमुख है। नववर्ष 2025 बलियावासियों के लिये अच्छा हो, बेहतर हो इसके लिये जनप्रतिनिधियों की नजर विकास कार्यों पर होनी चाहिए। जिससे जिलेवासियों को बेहतर सुविधाएं मिल सके।
बागी बलिया में भृगु कारीडोर
जनपदवासियों के बहुप्रतिक्षित भृगु कारीडोर के साथ ही चित्रगुप्त मंदिर और शहीद पार्क में विकास कार्य कराए जाएंगे। प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह इस परियोजना को लेकर काफी गंभीर थे। शासन से स्वीकृति परियोजना में विकास कार्य कराया जाना था। भृगु मंदिर को विकसित किया जाएगा। इसमें मंदिर के विकास के साथ ही गंगा नदी से मंदिर तक रास्ते आदि का निर्माण भी किया जाएगा। चित्रगुप्त मंदिर को विकसित किया जाएगा। यहां भृगुमंदिर परिसर में ही स्थित है। जनपद को पर्यटन के मानिचत्र पर भृगु कॉरिडोर के रुप में नई पहचान मिलेगी। लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और न ही भृगु कारीडोर के लिये कोई खास पहल ही की गयी।
आखिर कब बनेगा बलिया में मेडिकल कालेज
बलिया। जनपद बलिया में मेडिकल कॉलेज कब बन कर तैयार होगा, इसके लिये सारी प्रक्रियाएं कब पूरी होगी, यह किसी को नहीं पता है। जिला अस्पताल सिर्फ रेफरल सेंटर बनकर रह गया है। अच्छी स्वास्थ्य सुविधा के लिए लोगों को वाराणसी, मऊ और लखनऊ की दौड़ लगानी पड़ती है। जनपद में ही अच्छी स्वास्थ्य सुविधा के लिए मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए कई वर्ष से दावे किए जा रहे हैं। इसके लिए पहले तय किया गया था कि पुराने जिला कारागार, जिला और महिला अस्पताल तथा जीआईसी की भूमि को मिलाकर मेडिकल कॉलेज का निर्माण कराया जाएगा। इसमें जीआईसी को पुराने कारागार की भूमि पर आना था। यानी जीआईसी का भी फिर से निर्माण होना था। इसका प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया। इसके बाद फाइल शासन में ही अटक कर रह गई। बताया गया कि पुराने प्रस्ताव के स्थान पर तय किया गया है कि जिला और महिला अस्पताल के साथ ही पुराने कारागार की भूमि मिलाकर मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जाएगा। जीआईसी अपने स्थान पर बना रहेगा। साथ ही ये भी कहा गया था कि निर्माण के संबंध में जल्द निर्णय लिया जा सकता है। इसके बाद मामला ठप है।
कब शुरू होगा नये जिला जेल का निर्माण
बलिया। जिले में नई जेल के निर्माण के लिए नई भूमि चिन्हित कर ली गई है। पुरानी जेल के पास अब मेडिकल कॉलेज का निर्माण होगा। जिला जेल के कैदियों को मऊ जनपद और आजमगढ़ के जेलों में शिफ्ट कर दिया गया। यह सब इतनी तेजी से हुआ कि लग रहा था कि अब जल्द ही जिला जेल का निर्माण होगा। पुरानी जेल की जगह अब मेडिकल कॉलेज का निर्माण होगा। इसके लिए गड़वार ब्लॉक के नारायनपाली में 90 एकड़ भूमि चिह्नित की गई। भूमि खरीद के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया, लेकिन वह भी फाइलों में है। वर्ष 2024 में पुराने जिला कारागार से कैदियों को पड़ोस की जनपदों में स्थानांतरित कर दिया गया। नए कैदियों को भी वहीं भेजा जाने लगा। ऐसा लगा कि जिला कारागार के लिए योजना जल्द धरातल पर उतर सकती है, लेकिन ये भी परवान नहीं चढ़ सकी।
बलिया महोत्सव ने दी बलिया को नई ऊंचाई
बलिया। बलिया महोत्सव के आयोजन से बागी बलिया को एक अलग पहचान मिली है। इस महोत्सव में नामी गिरामी संगीतकारों, कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है जिसका लोग भरपूर आनंद उठाते है। नगर विधायक व प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के प्रयास से हर वर्ष बलिया में बलिया महोत्सव का आयोजन होता है। इसके तहत मैराथन व दौड़ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। महोत्सव के पहले दिन बंगाल के विभाजन की पृष्ठभूमि पर बनीं फिल्म बंगाल 1947 की विशेष प्रस्तुति की गई।