Ballia : जय हो बागी बलिया

रोशन जायसवाल,
बलिया। दोस्तों बलिया का इतिहास पूरे दुनिया में जाना जाता है। यह वहीं धरती है जो सबसे पहले आजाद हुई।



बात करें 1942 या उसके पहले 1857 के नायक मंगल पांडेय की क्रांति की।

इस बागियों के धरती पर बलिया महोत्सव पूरे दुनिया में एक अलग पैगाम दे रहा है।

महर्षि भृगु की तपोभूमि व गंगा और सरयू की पवित्र स्थली बागी बलिया में जहां ददरी मेला में दुनिया भर के लोग आते है,

वहीं इसका इतिहास अपने आप में कुछ अलग पैगाम देता है।

उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह की सोच और बागी बलिया से जुड़ाव से

बलिया स्थापना दिवस का कार्यक्रम और भव्य होता जा रहा है।


इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है कि कार्तिक के महीने में दीपावली के अवसर पर बलिया स्थापना दिवस के साथ

ही बलिया महोत्सव का आगाज हो चुका है और एक नवंबर को


कार्यक्रम का समापन बड़े ही धूमधाम से होने जा रहा हैं

जिसमें मनोज तिवारी मृदुल, रवि किशन अपना जलवा बिखेरेंगे।
