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Ballia : सनातन धर्म में मकर संक्रांति का है विशेष महत्व


लोग दही चूड़ा खाने के साथ ही करते है पतंग उत्सव का आयोजन
बैरिया (बलिया)।
सनातन धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। पौष मास में जब सूर्य मकर रेखा में प्रवेश करता है। तब यह पर्व मनाया जाता है। इस साल का मकर संक्रांति आज यानी 14 जनवरी को मनाया जाएगा। हर माह मकर संक्रांति आता है, लेकिन माघ महीने की मकर संक्रांति सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती है। मकर संक्रांति से ही भगवान सूर्य उत्तरायण होते हैं। वहीं खरमास समाप्त होता है। शुभ मांगलिक कार्य भी प्रारंभ हो जाते हैं। आचार्य बाजिदपुर निवासी पंडित जय मंगल दूबे शास्त्री ने बताया कि मकर संक्रांति का पर्व अत्यधिक खास पर्व है। इस दिन विशेष कर दान पुण्य और पवित्र नदियों में स्नान करने का अधिक महत्व है। पवित्र नदी में स्नान के बाद भगवान भास्कर को जल, लाल चंदन, लाल फूल व अक्षत मिलाकर अर्घ देने से आरोग्य, धन-धान्य सुख समृद्धि व अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं मकर संक्रांति को लेकर लोग पूरी तरह से तैयारी में है। कई जगहों पर लोग सौगात में चूड़ा, तिलवा भेजते हैं। वहीं इस दिन दही चूड़ा खाने के साथ ही लोग पतंग उत्सव का भी आयोजन करते हैं। बाजार से लेकर गांव तक मकर संक्रांति का त्यौहार आज होना है। ऐसे में बाजार में लाई, चूड़ा, तिलकुट की दुकानें सजी हुई है। बाजार में पर्व को लेकर चारों तरफ रौनक दिखाई दे रहा है। लोग तिल, चुड़ा, मूंगफली, लाई आदि की खरीदारी कर चुके हैं। वहीं तिलकुट की शोधी खुशबू से बाजार में सुगंध फैल रहा है। गांव की महिलाएं तिलवा तैयार की है। वहीं बाजार में तिलकुट भी खूब खरीदे गए हैं। खस्ता, बादाम पट्टी सहित विभिन्न तरह के व्यंजन तिल के सफेद लड्डू की भी लोगांे ने खूब खरीदारी किया है। अपने सगे संबंधियों के यहां भी यह उपहार स्वरूप भेजे जाने की यहां परंपरा है। मकर संक्रांति आज है। इसलिए बाजारों में दूध की कमी हो जाने के कारण लोगों को नींबू का चाय का स्वाद लेना पड़ रहा है। कुल मिलाकर यह त्योहार उत्साह पूर्वक मनाया जा रहा है।

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शिवदयाल पाण्डेय

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