Ballia : 72 वर्ष पहले अंग्रेजों की गोली से शहीद हो गये थे शहीद वृन्दावन तिवारी
आज भी आजादी के पहले का निशानी है चितबड़गांव रेलवे स्टेशन
रोशन जायसवाल
बलिया। जब अग्रेजों की गोली से शहीद हो गये थे वृन्दावन तिवारी। उन्हीं की याद में चितबड़ागांव में शहादत दिवस मनायी जाती है और इस दिन पर जनप्रतिनिधि, नेता, व्यापारी, समाजसेवी, शिक्षक संस्थान के लोग शहीद स्मारक पर पहुंच कर श्रद्धासुमन अर्पित करते है।
चितबड़ागांव में बने स्मारक पर एक दिन पूर्व लोग साफ-सफाई करते है और शहीद वृन्दावन तिवारी को याद करते हुए उनको नमन करते है। 23 अगस्त 1942 में चितबड़ागांव में जो क्रांति हुई थी उस क्रांति में वृन्दावन तिवारी के साथ कई क्रांतिकारी शामिल थे। अंग्रेजों के खिलाफ जो आंदोलन हुआ उस आंदोलन की चिंगारी ऐसी फैली की स्थानीय लोग अंग्रेजों के शासन के खिलाफ लामबंद होकर सड़क पर उतर आये। आज भी चितबड़ागांव में क्रांति 1942 की चर्चा जरूर होती है।
चितबड़ागांव के नगर पंचायत अध्यक्ष अमरजीत सिंह कहते है कि 16 अगस्त 1942 को अंग्रेजी फौज से बंदूके छीनकर क्रांतिकारियों ने चितबड़ागांव रेलवे लाइन के पटरी उखाड़ने के साथ ही स्टेशन को फंूक दिया था।
वहीं जमुनाराम ग्रुप ऑफ क्लासेस के प्रबन्ध निदेशक इं. तुषार नन्द कहते है कि चितबड़ागांव में हर वर्ष 23 अगस्त को शहीद वृन्दावन तिवारी की शहादत दिवस मनायी जाती है और उस दिन उनको नमन करने का दिन होता है। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लोहा लिया था और आज भी उनके शहादत को कोई भूला नहीं है। उनके साथ और भी क्रांतिकारी थे जिन्होंने अंग्रेजों से चितबड़ागांव को आजाद करवाया था। इससे पहले 19 अगस्त को बलिया आजाद हो गया था और उसके बाद 23 अगस्त को अंग्रेजों से लड़ते हुए 30 वर्षीय वृन्दावन तिवारी शहीद हो गये।
समाजसेवी पीएन सिंह कहते है कि चितबड़ागांव में 23 अगस्त 1942 को जो शहादत हुई थी, जिससे पूरे देश की निगाह उस समय चितबड़ागांव पर थी। आज हम उन्हें याद कर श्रद्धाजंलि अर्पित करते है।
पत्रकार मनीष तिवारी कहते है कि शहीद वृन्दावन तिवारी की चर्चा हमारे दादा जी करते है। चितबड़ागांव के आंदोलन की भी चर्चा करते रहे और मैं जब शहीद स्मारक के पास पहुंचता हूं तो मुझे 23 अगस्त 1942 के आंदोलन की याद आती है और मैं भी आज के दिन स्मारक पर पहुंच कर श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं।
अजंनी उपाध्याय नेता नगर पंचायत चितबड़ागांव व भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि शहीद वृन्दावन तिवारी की शहादत को हम भूल नहीं सकते है हम उन्हें नमन करते है। शहीद वृन्दावन तिवारी अमर रहें के नारा लगाते हुए श्री उपाध्याय ने अमर शहीद पं. वृन्दावन तिवारी जी के चरणों में कोटिशः नमन किया।