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Ballia : कन्याकुमारी से कश्मीर तक राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा पहुंची बलिया

बलिया। अध्यात्म हमारे जीवन की अपरिहार्य आवश्यकता है। इसके द्वारा हमारे जीवन का संपूर्ण विकास होता है। हम इस शरीर में हैं, हम इस संसार में है, जिंदगी बीत रही है हमारी, और जिंदगी जीने में ही सारी जिंदगी बीत जाती है और जिंदगी है क्या, जीवन क्यों मिला है, इसका कितना, कहां, किस हद तक हमें बोध हो पाता है।


उक्त उद्गार स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने संकल्प यात्रा के क्रम में महर्षि सदाफल देव आश्रम सत्संग भवन मिड्ढा मे आयोजित जय स्वर्वेद कथा एवं ध्यान साधना सत्र में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं के मध्य व्यक्त किये। महाराज जी ने कहा कि शरीर की पुष्टि और इन्द्रियों की तृप्ति मानव जीवन का उदेश्य नहीं हो सकता। मन को संसार के विषयों से तृप्त नहीं किया जा सकता तो नहीं किया जा सकता। जिस प्रकार छलनी मे गौमाता का दुग्ध एकत्रित नहीं किया जा सकता।


संत प्रवर ने बताया कि जैसे लोहे को पीट पीटकर इच्छित आकार का बना दिया जाता है, वैसे ही मन को बारंबार स्वर्वेद की चोट से, सत्संग के प्रवाह से, अवगुणी से सद्गुणी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति अयोग्य नहीं। अच्छाइयां, बुराइयां सबके भीतर है। हमे दुर्बलताओं, कठिनाइयों से घबराना नहीं है। उन कठिनाइयों को दूर करने की जो प्रेरणा, जो शक्ति, जो सामर्थ्य है वह अध्यात्म के आलोक से, स्वर्वेद के स्वर से एक साधक को अवश्य ही प्राप्त होता है। क्योंकि हमारे भीतर अंतरात्मा रूप से परमात्मा ही तो स्थित है। संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को विहंगम योग के क्रियात्मक योग साधना को सिखाया। कहा कि यह साधना खुद से खुद की दूरी मिटाने के लिए है। संत प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज की दिव्यवाणी जय स्वर्वेद कथा के रूप में लगभग ढाई घंटे तक प्रवाहित हुई। स्वर्वेद के दोहों की संगीतमय प्रस्तुति से सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे।

लगभग 22 हजार किलोमीटर की यात्रा सड़क मार्ग से हुई तय
बलिया। आयोजकों ने बताया कि विहंगम योग सन्त समाज के शताब्दी समारोह महोत्सव एवं 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के निमित्त संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज के पावन सान्निध्य में 7 जुलाई से दक्षिण भारत के कन्याकुमारी से संकल्प यात्रा का शुभारंभ हो चुका है। यह संकल्प यात्रा दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आँध्रप्रदेश तथा छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, बिहार, झारखण्ड, बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, मणिपुर प्रांत के बाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, कानपु, लखनऊ, देवरिया होते हुए बलिया में संपन्न हुआ। अभी तक लगभग 22 हजार किलोमीटर की यात्रा सडक मार्ग से तय की जा चुकी है और यह राष्ट्र व्यापी संकल्प यात्रा कश्मीर के श्रीनगर तक जाएगी।


वाराणसी में होगा 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ
बलिया। आगामी 6 एवं 7 दिसंबर 2024 को विशालतम ध्यान – साधना केंद्र (मेडिटेशन सेंटर) स्वर्वेद महामंदिर, वाराणसी के पावन परिसर में 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होना है। उसी क्रम में यह संकल्प यात्रा हो रही है जिससे अधिक से अधिक लोगों को पूरे भारत वर्ष में लाभ मिले। इस मौके पर श्रद्धानंद सिंह, दुर्गाप्रसाद पांडेय, केपी सिंह, अजय राय आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन वंदना आरती एवं शांतिपाठ से हुआ।

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