Ballia : दीन दयाल उपाध्याय की दृष्टि विषय पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन

बलिया। दीन दयाल उपाध्याय स्मृति दिवस के अवसर पर मंगलवार को जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय में विकसित भारत, दीन दयाल उपाध्याय की दृष्टि विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन दीन दयाल उपाध्याय शोधपीठ द्वारा किया गया। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने कहा कि संसार की सभी व्यवस्थाओं के केन्द्र में मनुष्य है। दीन दयाल उपाध्याय के दर्शन के केन्द्र में मनुष्य है। पूँजीवाद और समाजवाद इन दो व्यवस्थाओं के मध्य ही संसार के देशों की व्यवस्था चल रही है। इन दोनों व्यवस्थाओं के समन्वय का रास्ता एकात्म मानव दर्शन है जो मनुष्य केंद्रित है।


उन्होंने आर्थिक लोकतंत्र यानि हर हाथ को काम का अधिकार की बात की है। यही भारत के विकास का रास्ता है। भारत की समृद्धि का मार्ग प्रत्येक नागरिक के कौशल विकास से ही प्रशस्त होगा। मुख्य अतिथि/वक्ता अंबिकेश जी, विभाग प्रचारक, बलिया ने कहा कि स्वयं के व्यक्तित्व से दूसरों को दिशा देना ही दीन दयाल का जीवन दर्शन था। उनके दर्शन में समाज के अंतिम पायदान पर खड़े आदमी की चिंता है।

सुख-सुविधाएँ सबसे निचले स्तर के आदमी को भी प्राप्त हों, यही उनके चिंतन का केंद्रीय बिंदू है। एकात्म मानववाद का सार है कि एक भी व्यक्ति निर्धन न रहे। कार्यक्रम में स्वागत डॉ. रामसरन, सह समन्वयक संचालन डॉ. अनुराधा राय, समन्वयक एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अभिषेक मिश्र, सह समन्वयक, शोधपीठ ने किया। कार्यक्रम में डॉ. पुष्पा मिश्रा, निदेशक, शैक्षणिक, परिसर के प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
