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Ballia : संतान की दीर्घायु के लिए महिलाए रखेंगी जीवित्पुत्रिका व्रत

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Girl in a jacket


बांसडीह (बलिया)।
जिउतिया महापर्व का निर्जला व्रत महिलाए बुद्धवार को 24 घंटे के लिए रखेंगी। यह निर्जला व्रत जीवित्पुत्रिका व्रत यानी जितिया व्रत का हिन्दू धर्म में खास महत्व माना जाता है। इस व्रत को महिलाएं अपनी संतान के दीर्घायु के लिए रखती हैं। यह व्रत बहुत ही कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। महिलाएं बिना अन्न-जल ग्रहण किए इस व्रत को करती हैं और अपनी संतान के बेहतर स्वास्थ्य और सफलता की कामना करती हैं। इस वर्ष यह व्रत महिलाएं 25 सितंबर बुधवार को करेंगी। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करके भगवान जीमूतवाहन की विधि पूर्वक पूजा करती हैं। इस पर्व को लेकर मंगलवार के पूरे दिन बाजारों में चहल-पहल बढ़ीं रही। जिउतिया गुथवाने, पूजन व दान सामग्री, फल इत्यादि की खरीदारी को लेकर बाजार में महिलाओं की भारी भीड़ बाजार में लगी रही। बड़ी बाजार, स्टेट बैंक रोड, कचहरी, सब्जी बाजार सहित अन्य जगहों पर जिउतिया गुंथने वाले कारीगरों की अस्थाई दुकानें सजी हैं, जहां महिलाएं रंग-बिरंगे धागा में जिउतिया गुथवा रही हैं। नगर के बड़ी बाजार में कई जगहों पर महिलाओं को पूजन सामग्री खरीदते देखा गया। कुछ महिलाएं साड़ी व दान की सामग्री खरीद रही थीं। आभूषण दुकानों पर भी सोने-चांदी की जिउतिया खरीदने व तैयार कराने वाली महिलाएं पहुंच रही हैं। बड़ी बाजार स्थित प्रदीप कुमार एंड ब्रदर्स आभूषण दुकान में मिलीं सीमा देवी व ममता देवी ने बताया कि वह सोने की जिउतिया तैयार करने के लिए डिजायन पसंद कर ऑर्डर दी थीं, आज इसे ले जाने आई हूं। ज्वेलरी विक्रेता प्रदीप सोनी ने बताया कि उनकी दुकान पर जिउतिया बनवाने के लिए महिलाएं आ रही हैं। कई फैंसी डिजायन में जिउतिया उपलब्ध हैं। शहर व ग्रामीण क्षेत्र की अधिकतर महिलाएं इसी फैंसी जिउतिया में से पसंद कर रही हैं। इस संबंध में विद्वान पं. सत्येंद्र पांडेय ने बताया कि इस वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 25 सितंबर 2024 की शाम 04ः52 बजे तक भोग कर रही है। इस दिन संपूर्ण दिन व रात 25 के सूर्याेदय से लेकर 26 सितंबर के सूर्याेदय तक उपवास रखा जाएगा। गुरुवार को सूर्याेदय के बाद ही सूर्य को अर्घ्य देकर पारण किया जाएगा। किंतु तालाब या सरोवर में स्नान और पूजन का कार्य बुद्धवार की शाम 04ः52 बजे तक ही किया जाएगा। यह व्रत सूर्याेदय से आरंभ होकर अगले सूर्याेदय के बाद विराम होगा।
विजय गुप्ता

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