
बलिया। हजरत मुहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन एवं उनके 72 साथियों की शहादत के याद में 25 सफर रविवार को अंजुमन हाशमीमियां विशुनीपुर के तत्वावधान में 41वां जुलूसे चेहल्लुम स्व. मुनीर हसन जैदी के प्राचीन इमाम बारगाह से शिया समुदाय के लोगों द्वारा निकाला गया। इसके पूर्व इमाम बारगाह में मजलिसे अज़ा को सम्बोधित करते हुए अल्लामा आज़ीम जौरासी ने कहा कि हर वर्ष अरबयीन (इमाम हुसैन के चेहल्लुम) में शामिल होने वाले लोगों केवल हुसैनी समाज के ही लोग शहीदाने कर्बला के प्रति दुख व्यक्त करने के लिए कर्बला नहीं पहुंचे थे, बल्कि हर समाज हर बिरादरी के लोग पहुंचते है, जो इस बात को दर्शाता है कि इमाम हुसैन का पैगामे इन्सानियत हर जाति धर्म के लोगों में अपनी जगह बना चुका है। उन्होंने कहा कि हमें जुल्म का नहीं बल्कि मजलूम के साथ हमेशा खड़ा रहना चाहिए। वाकेयाते कर्बला त्याग, बलिदान और अंहिसा की सीख देता है। उनके इस मैसेज को पूरी दुनिया में आपसी भाईचारे और जज्बे को फैलाना है। हम हुसैनी है तो हमारी पहचान भी इमाम के रास्ते पर चलते रहना और पैगंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद के दीन हिफाजत के होना चाहिए। इसके जवाब हैदर रजा कोरालावी, सुहैल बलियावी, मौ. कुमैल गाजीपुरी, अली जैदी ने पेश खानी किया। चौराहा पर मातमी दस्ते और मोमेमिन को पेश इमाम है। वसीम जैदी ने इन्सानियत का पैगाम दिया। नौहाखां (शोक गीत) अली जैदी और अंजुमन हैदरी जुड़न शहीद गाजीपुर और अंजुमन अब्बासिया कोपागंज व अंजुमन हाशमीमियां विशुनीपुर ने किया। इस अवसर पर शहर कोतवाल राजीव सिंह, चौकी प्रभारी गिरिजेश सिंह, यातायात उप निरीक्षक सुरेश सिंह पुलिस के जवान गण जुलूस के साथ साथ रहे। जुलूस में आसिफ जैदी, कायम हुसैन, महफूज आलम, मोहसिन रजा, रविश हैदर, रियाजुल हसन, डॉ. सलीस हैदर, सभासद दिलशाद, पूर्व सभासद शकील, कामयाब हुसैन, मिर्जा मिज्जन, रशी हसन, जैनुलाअबदीन जैदी, लकी हैदर, जरी हैदर, वसीम राही, हसन रजा आदि शामिल रहे। अंजुमन हाशमीमियां के सदर शहंशाह जैदी जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नगर पालिका के सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया।