
-नीमा व शारदा नारायन हास्पिटल ने आयोजित किया चिकित्सा संगोष्ठी
बलिया। आईवीएफ के माध्यम से निःसंतान महिलओं की गोद में किलकारियां गूंज रही हैं। निःसंतानता अभिशाप नहीं है। आधुनिक चिकित्सा प्रणाली में इस उपचार आईवीएफ के माध्यम से किया जा रहा है। शारदा नारायन हास्पिटल स्थित आईवीएफ सेंटर में विश्व स्तरीय मशीनों के साथ उपचार किया जा रहा है। दस वर्षों में ढ़ाई हजार से अधिक महिलाओं को मातृत्व सुख का लाभ प्राप्त हो चुका है। बांझपन व स्त्री एवं प्रसुति रोग विशेषज्ञ डॉ एकिका सिंह ने यह सुझाव बलिया में आयोजित चिकित्सक संगोष्ठी में दिया। रविवार की रात्रि नीमा व शारदा नारायण हास्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में वह बोल रही थीं।

डॉ संजय सिंह ने बताया कि कैथलैब के माध्यम से हृदय रोग से संबंधित सभी प्रकार का उपचार संभव है। एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेसमेकर सहित सभी प्रकार की सर्जरी विश्वस्तरीय मशीनों द्वारा विशेषज्ञों के निर्देशन में किया जाता है। शारदा नारायन हास्पिटल में पूर्वांचल की सबसे आधुनिक कैथलैब स्थापित किया गया है। क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ सुजीत सिंह ने कहा कि आकस्मिक चिकित्सा प्रणाली के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।

आर्थाेसर्जन डॉ राहुल ने घुटना प्रत्यारोपण की आधुनिक प्रणाली के बारे में विस्तार जानकारी दिया। डॉ रेहान ने बच्चों के समुचित विकास और बढ़ती उम्र में खानपान एवं स्वास्थ्य सुरक्षा पर प्रकाश डाला। स्वागत नीमा अध्यक्ष

डॉ त्रिभुवन सिंह एवं सचिव डॉ पवन कुमार चौरसिया ने आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम समापन के उपरांत नीमा द्वारा नीमा के वरिष्ठ सदस्यो स्व.डॉ प्रभा शंकर, बलिया नर्सिंग होम और स्व.डॉ कामता प्रसाद के निधन पर दो मिनट मौन धारण कर गतात्मा की शांति के लिए प्रार्थना किया गया।