
भाजपा का प्लान: हारी हुई सीटों को जीतने की है तैयारी
गाजीपुर में लोकसभा से लेकर विधानसभा तक नहीं खुला खाता
रोशन जायसवाल,
बलिया/गाजीपुर। आगामी लोकसभा चुनाव एनडीए बनाम आईएनडीआईए गठबंधन (इंडिया) का होने जा रहा है, लेकिन उसके पहले प्रदेश के अन्य राज्यों मे हो रहे चुनाव पर अभी चुनावी युद्ध होगा। उसके बाद यह माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव पर फोकस होगा। वैसे भाजपा पिछले लोकसभा मे हारी हुई सीटों को जीतना चाहती है। यहां से कौन बेहतर चेहरा होगा उस पर उसका पूरा फोकस कर रही है। पूर्वांचल का गाजीपुर सीट 2019 के चुनाव मे भाजपा हार गयी थी। जबकि उस समय के सांसद और रेल मंत्री मनोज सिन्हा रेल जगत में बेहतर विकास करके एक पहचान बनायी थी। उसके बाद भी वहां की जनता ने उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया।

यह भी माना जा सकता है कि गाजीपुर रेल जगत के विकास पर जातिवाद भारी पड़ा। लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़े वाले विधानसभाओं पर यदि गौर करें तो गाजीपुर, ज़खनिया, जमनिया, सैदपुर व जंगीपुर है। इन विधानसभाओं में सपा व सुभासपा के विधायक निर्वाचित हुए है। जबकि इसके पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा गठबंधन से अफजाल अंसारी ने चुनाव जीतकर यह सत्ता को यह एहसास करा दिया कि यहां विकास नहीं बल्कि जातिगत समीरकण की बात होती है। इसके पीछे जातिगत समीकरण खासतौर पर ओबीसी, दलित और अल्पसंख्यक इन जातियों का वोट अफजाल के पक्ष में ज्यादा रहा।

इसके कारण सांसद व रेल मंत्री मनोज सिन्हा को हार का मुंह देखना पड़ा। आगामी लोकसभा चुनाव में गाजीपुर लोकसभा सीट से भाजपा का चेहरा कौन होगा यह बताना जल्दीबाजी होगा लेकिन यह माना जा सकता है कि भाजपा ओबीसी के उम्मीदवार पर ज्यादा फोकस करेंगी। हालांकि यह खबर पुष्टि नहीं करती है लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा जरूर चल रही है। क्योंकि यहां पिछड़े दलित व अल्पसंख्यक समाज के मतदाताओं की संख्या अधिक बतायी जाती है। गाजीपुर लोकसभा सीट का सर्वे में भाजपा की क्या रिपोर्ट है यह तो पार्टी के हाईकमान ही जान सकते है। लेकिन कयास यह लगाया जा रहा है कि भाजपा इस सीट को जीतने के लिये विशेष चेहरा मैदान में उतारेगी।
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कब होगा लोकसभा चुनाव
आगामी लोकसभा चुनाव कब होगा, इसको लेेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। वैसे कुछ लोगों का यह कहना है कि मई 2024 से पहले लोकसभा चुनाव होंगे। यानि यह अनुमान लगाया जा सकता है कि मार्च और मई के बीच लोकसभा चुनाव हो सकते है। क्योंकि ताबड़तोड़ रैली, जनसंपर्क, बड़े-बड़े आयोजन जमकर हो रहे है और भाजपा का पूरा फोकस लोकसभा चुनाव पर है। ऐसे में कयास लगाया जा सकता है कि लोकसभा चुनाव का बिगूल बहुत जल्द बजने वाला है।