
वन विभाग की टीम ने बंदर को पिंजड़े में पकड़ ले गयी अपने साथ
मझौवां। हल्दी थाना व रेवती थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत दिघार व मझौंवां में बीते 20 दिनों में एक आदमखोर बंदर ने गांवों में एक दर्जन से अधिक लोगों को काट कर घायल व जख्मी कर दिया था, जिसके बाद से गांव दहशत व भय का माहौल कायम हो गया था। लोग तपिश भरी गर्मी में भी रात हो या दिन लोग बंदर के भय के कारण घर में छिपे रहते थे। बहुत जरूरी होने पर ही लोग अपने घरों से बाहर निकलते है। बताते चलें कि गुरुवार के दिन सुबह हमें ही आदमखोर बंदर ने आतंक मचाना शुरू कर दिया इसके बाद से ग्रामीणों द्वारा लाठी डंडा लेकर बंदर को घेरा गया, जिसके बाद बंदर एक सुनसान पड़े घर में घुस गया जिस पर लोगों ने समझदारी दिखाते हुए दरवाजा बंद कर दिया प्रधान प्रतिनिधि मनोज यादव ने वन विभाग को सूचित किया गया।

सूचना पर पहुंचे वन विभाग के रेंजर पी के शर्मा अपने टीम के साथ पहुंचे तथा बंदर पकड़ने के लिए पिंजड़ा मंगवाया गया, भारी भरकम पिंजड़े को ग्रामीणों की मदद से जिस घर में बंदर घुस्सा हुआ था उसके मुख्य गेट पर लगाया गया इसके बाद काफी मशक्कत के बाद 3 घंटे बाद बंदर पिंजड़े में आया तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। बंदर इतना भयानक आवाज निकाल रहा था कि पिछड़ा में बन्द रहने के बाद में भी लोग डर के मारे आस-पास जाना उचित नहीं समझ रहे थे। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मनोज यादव के द्वारा पिकअप गाड़ी मंगवा कर बंदर को वन विभाग की टीम के साथ बलिया भिजवाया गया वन विभाग के रेंजर पीके शर्मा ने बताया कि बंदर काफी खूंखार है इसको जिले में आस-पास छोड़ना खतरे से खाली नहीं है, इसलिए पहले इसका इलाज किया जाएगा उसके बाद एक्सपर्ट की देख-रेख में रखा जाएगा। बंदर की हालत ठीक होने पर इसे पुनः जंगल में छोड़ दिया जाएगा। रेस्क्यू करने वाली टीम में राजू प्रसाद उप क्षेत्रीय अधिकारी, विजय यादव वन दरोगा, अरविंद कुमार वन रक्षक, बरमेश्वर राम, राजू यादव, विष्णु वर्मा, क्षेत्र पंचायत सदस्य धनेश्वर, मदर टैरेसा कन्वेंट स्कूल पचरुखिया प्रबंधक प्रेम किशोर ग्राम पंचायत मझौंवा प्रधान धर्मवीर सिंह सहित ग्रामीण युवाओं का सहयोग रहा।