
बैरिया। होली में जातिसूचक गाने व अश्लीलता से सराबोर गाने कहीं माहौल न बिगाड़ दे, इससे जागरूक लोग चिंतित है। भतार करें मालिस, राते दिया बुता के पिया क्या-क्या किया और देवरा ढोढ़ी चटना बा जैसे अश्लील गाने सुनते-सुनते लोग परेशान हो गये है। साथ ही जातिसूचक गानों पर भी रोक लगाना जनहित में आवश्यक हैं। ऐसे गाने बजाने वालों पर जब तक कार्रवाई नहीं होगी तब तक यह सिलसिला नहीं रुकेगा। ऐसे गानों से परेशान बिहार सरकार ने अश्लील और जातिसूचक गानों को बैन कर दिया है। वहीं उप्र में इसका अब तक किसी अधिकारी ने सज्ञांन नहीं लिया है, परिणाम स्वरूप उक्त गाने बज रहे हैं। ऐसे गाने बजाने वालों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। बिहार में पुलिस मुख्यालय की ओर से एक आदेश जारी किया गया है। इसमें सभी जिले के पुलिस अधिकारियों को जाति सूचक और अश्लील गानों पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। बिहार पुलिस मुख्यालय ने सभी जिले के आरक्षी अधीक्षक से कहा है कि अश्लील एवं विद्वेष फैलाने वाले गानों पर कार्रवाई करें। मुख्यालय का यह आदेश होली पर्व को लेकर जारी किया गया है। ऐसा उप्र में भी पुलिस को करना चाहिए। किंतु यहां पुलिस इस पर ध्यान देना उचित नहीं समझ रही है। जागरूक लोगों ने मुख्यमंत्री वह पुलिस महानिदेशक से इस बाबत उचित कार्रवाई की गुहार लगाई है।

