हाथी को पकड़ने के लिये भाजपा और सपा बिछा रही जाल
रोशन जायसवाल,
बलिया। जिले का एक ऐसा विधानसभा है जहां हाथी को पकड़ने के लिये भाजपा और सपा विगत कई सालों से जाल बिछा रही है। कभी यहां हाथी दलित के पक्ष में थी तो कभी क्षत्रिय के पक्ष में रही। वहीं भाजपा का कमल और सपा की साइकिल इस विधानसभा में विगत कई चुनावों में फेल रहा। बलिया से लगायत लखनऊ तक इस विधानसभा में हाथी को पकड़ने के लिये इस बार बड़ा जाल बिछाया जा रहा है। जहां एक तरफ भाजपा के एक कद्दावर नेता इस विधानसभा में हाथी को दलदल में डाल कर कमल खिलाने की बात कह गये, वहीं छड़ी और लाल टोपी वाले नेताजी दोनों मिलकर हाथी को घेर रहे है। लेकिन हाथी अभी जाल से बाहर है। एक नेताजी सुबह की चाय के चुस्कियों में यह चर्चा करते हुए देखे गये कि इस बार हाथी जाल में फंस जाएगी और यहां कमल खिलेगा। दूसरे नेताजी बोले कि साइकिल लखनऊ से चल दी हैं और यहां आकर छड़ी से मिलेगी। छड़ी और साइकिल मिलकर ही हाथी को भगाएगी।

इस बार हाथी नहीं घोड़ा दौड़ेगा
इस विधानसभा में हाथी का टिकट तो कंफर्म है लेकिन कमल कौन लेकर आएगा यह भविष्य के गर्भ में है। वहीं साइकिल और छड़ी मिलकर इस बार के चुनाव में हाथी पर वार न करकर कमल के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे है। लेकिन यहां हाथी वाला विधायक अभी भी मजबूत दिख रहा है। एक सामाजिक नेता ने कहा इस विधानसभा के प्रमुख चौराहे पर हाथी वाले नेताजी ने घोड़ा लगाया है, आप समझदार है, घोड़े पर तलवार लेकर कौन सवार होता है यह समझ सकते है। यह विधायक ने संकेत दे दिया है कि इस बार यहां हाथी नहीं घोड़ा दौड़ेगा।

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