जाने दारा सिंह चौहान का राजनीतिक कैरियर

मऊ। घोसी विधानसभा के उपचुनाव का परिणाम आने के बाद दारा सिंह चौहान को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है। दारा सिंह चौहान अब तक दो बार राज्यसभा सदस्य रहे। एक बार सांसद एवं दो बार विधायक रहे। छात्रसंघ की राजनीति से उन्होंने कांग्रेस के माध्यम से सक्रिय राजनीति में कदम रखा और कांग्रेस में पदाधिकारी भी रहे। कांग्रेस छोड़कर 1996 में सपा में शामिल हुए। सपा से लगातार दो बार 1996 से 2000 तथा 2000 से 2006 तक राज्यसभा सदस्य थे। वह 2007 में बसपा में शामिल हुए। बसपा सरकार बनने के बाद 2009 घोसी से लोकसभा का चुनाव लड़े और जीत दर्ज किया। बसपा के संसदीय दल के नेता भी बने। 2014 में वह चुनाव हार गये। इसके बाद 2015 में भाजपा में शामिल हो गये। भाजपा ने उनको पिछड़ा वर्ग मोर्चा का पदाधिकारी बनाया। फिर भाजपा ने उनको मधुवन विधानसभा से चुनाव लड़ाया। वह चुनाव जीते और योगी सरकार में मंत्री बने। 12 जनवरी 2022 को भाजपा एवं मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और सपा में शामिल हो गये। 2022 के चुनाव में सपा से चुनाव मैदान में उतरे और जीते। 15 जुलाई 2023 को विधायक पद से इस्तीफा देकर सपा छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गये। लेकिन घोसी उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में उनको हार का मुंह देखना पड़ा।

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