Ballia : कागजों पर ही होता रहा गंगा सफाई का दावा, धरातल पर हवा-हवाई

बलिया आजकल से अरविंद पाठक,
लालगंज।
गंगा को स्वच्छ रखने के लिए सरकार अरबों रुपये खर्च कर गंगा नदी को साफ व स्वच्छ रखने का दावा ठोक अपनी पीठ स्वयं थपथपा रही हो, पर धरातल पर गंगा किनारे गंदगी का अंबार ही दिख रहा है। जो गंगा को दूषित कर रहा है। गंगा सफाई के लिए सरकार समय-समय पर करोड़ो रूपये खर्च करती है। गंगा महोत्सव कराती है। गंगा किनारे के ग्राम पंचायतों में गंगा चबूतरा बनवाती है। लोगों को जागरूक करने के लिए कमेटियां बनाई जाती है। जिलाधिकारी से लगायत अधिकारी गंगा सफाई की बातें शासन तक पहुचाते है पर हकीकत कुछ और ही देखने को मिल रहा है। नहाने वाले सती घाट पर कूड़े का अंबार लगा हुआ पाया गया। आस पास के लोगो ने बताया कि कभी भी गंगा के घाट के सफाई के लिए नही आता जब कोई अधिकारी का प्रोग्राम घाट पर लगता है तो दिखाने के लिए सफाई कर दी जाती है नही तो सालों भर सफाई के नाम पर कोई झांकने तक नही आता है। इस तरह तो केवल कागजो पर गंगा सफाई का दावा कहा जा सकता है हकीकत में नही। नदी किनारे रहने वाले बताते है कि प्लास्टिक में रखा पूजा पाठ का सामान लेकर घाटों पर छोड़ जाते है। इससे गंगा घाटों पर कचरा फैला रहता है।

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