
मऊ। घोसी के उपचुनाव में भाजपा की हार पर अब तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे है। वैसे, यह माना जा सकता है कि राजनीति एवं चुनाव रोमांचक क्रिकेट मैच की तरह है, जहां अंतिम गेंद तक उलट-फेर की संभावना रहती है। हालांकि, घोसी विधानसभा के उपचुनाव में ऐसा नहीं हुआ। मतगणना शुरू होने के बाद ही पहले राउंड में सपा ने बढ़त बना ली थी। अपराह्न 12 बजे के बाद सपा एवं भाजपा के रणनीतिकारों को परिणाम का आभास हो गया था। 2022 के चुुनाव में दारा सिंह यादव को 22216 मतों से घोसी की जनता ने जीत दिलायी थी, लेकिन इस बार जनता ने उनका साथ नहीं दिया। दारा सिंह चौहान के बार-बार दल बदलने की साक्षी रही जनता ने मतदान के जरिये अपनी मंशा साफ कर दिया कि अब बहुत हुआ। यह भी स्पष्ट है कि यह भाजपा की हार नहीं, बल्कि प्रत्याशी को लेकर जनता का आक्रोश था। इसी आक्रोश ने सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह को जीत दिलायी। दल बदलने में माहिर दारा सिंह चौहान के राजनैतिक भविष्य को बहुत बड़ा झटका लगा है। वैसे, यह चुनाव दारा सिंह चौहान के लोकप्रियता की परीक्षा तो थी ही। वोट ट्रांसफर करने वाले दलों को पाले में लाने की भाजपा के राजनीति की परीक्षा भी थी। चुनाव प्रचार के दौरान दारा सिंह चौहान पर एक युवक द्वारा स्याही फेंके जाने की घटना ने यह संकेत दिया था कि जनता का उनके प्रति जबरदस्त आक्रोश है। सत्ता के राजनैतिक मौसम का सटीक जानकार माने जाने वाले दारा सिंह चौहान को यह हार याद रहेगा। भाजपा एवं सरकार का पूरा समर्थन होने के बाद भी परिणाम विपरित रहा।