
लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने बसपा की राष्टीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव किया है। भाजपा ने बसपा मुखिया मायावती के खिलाफ नरम रूप रखने का फैसला किया है। इसे लेकर भाजपा नेताओं को साफ संदेश दिया गया है कि अब कोई भी भाजपा नेता बसपा मुखिया मायावती को निशाने पर नहीं लेगा। खास कर दलित इलाकों में बसपा मुखिया मायावती के खिलाफ कुछ भी नहीं बोलने का निर्देश दिया गया है। बसपा मुखिया मायावती ने आगामी लोकसभा चुनाव अकेले ही दम पर लड़ने का फैसला लिया है। उन्होंने एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधन से समान दूरी बना रखी है। भाजपा ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को मायावती के खिलाफ हमलावर नहीं होने की ताकत की है। इन दिनों भाजपा काशीराम की तरह बस्ती संपर्क अभियान चला रही है। इस दौरान कहीं भी बसपा मुखिया मायावती या काशीराम को लेकर कोई भी बयानबाजी करने से मना किया गया है। सूत्रों की माने तो भाजपा नेतृत्व की तरफ से इस बारे में साफ संदेश दिया गया है और कहा गया है कि बसपा मुखिया मायावती को लेकर कोई भी बयान देते समय सावधानी बरती जाए। बताया जा रहा है कि भाजपा सूबे के करीब 2000 प्रमुख गांवो में अभियान चलाने जा रही है। इनमें ज्यादातर ऐसे गांव है, जहां दलित आबादी ज्यादा है।