गजब! नगर पंचायत में बाबू का काम कर रहे है सफाई कर्मचारी

रोशन जायसवाल
बलिया। हमेशा से राजनैतिक सुर्खियों में रहने वाला फेफना विधानसभा क्षेत्र में स्थित आदर्श नगर पंचायत चितबड़ागांव जो इन दिनों अपने हाल पर आंसू बहाने को विवश है। जबकि इस क्षेत्र से विधायक उपेंद्र तिवारी जो वर्तमान सरकार में प्रभावशाली मंत्री भी है। बावजूद नगर पंचायत कार्यालय में बाबू, कर्मचारी व चालकों व सफाई कर्मचारियों की भारी कमी है। यही नहीं अभी यहां स्थायी रूप से अधिशासी अधिकारी की भी तैनाती नहीं है। हालांकि प्रशासन द्वारा बलिय नगर पालिका अधिशासी अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार चितबड़ागांव का सौंपा गया है। लेकिन वह भी विगत 25 दिनों से नगर पंचायत में नहीं पहुंच रहे हैं। जिसके कारण विभागीय कार्य ठप पड़ा हुआ है।
कार्यालय के बाबू फाइल लेकर बलिया आते हैं और श्री विश्वकर्मा से फाइलों पर दस्तखत करवाकर पुन: वह चितबड़ागांव जाते हैं। लेकिन आखिर कब तक यह सिलसिला चलता रहेगा। कार्यालय में मृत और जन्म प्रमाणपत्र में विलंब इसलिए हो रहा है कि यहां अस्थायी रूप से कोई अधिकारी की तैनाती नहीं है। बुधवार को जनसंदेश टाइम्स ने चितबड़ागांव नगर पंचायत का हाल जाना तो यहां देखा गया कि एक कमरे में बाबू कमरूद्दीन फाइलों को निबटाने में लगे हुए थे। वहीं दूसरी ओर एक कमरे में सफाई कर्मचारी असगर अली व भक्त मोहन सिंह व कर का काम देख रहे गणेश गोंड बाबूओं का काम कर रहे थे। वहीं ईओ का चेंबर बंद पड़ा हुआ था। एक कमरे में कंप्यूटर आपरेटर काम काज निबटा रहे थे और कुछ फरियादी, ईओ व चेयरमैन का बंद दरवाजा देख निराशा होकर वापस लौट गए।

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ईओ पर आखिर कौन मेहरबान
बलिया जिले में कुल सात विधानसभा है, उनमें नगर विधानसभा व फेफना विस क्षेत्र से चुने गए विधायक प्रदेश सरकार में मंत्री है। दोनों विधानसभाओं में गौर करें तो बलिया नगर पालिका परिषद व चितबड़ागांव नगर पंचायत दोनों की कमान आखिर ईओ दिनेश कुमार विश्वकर्ता को ही क्यों सौंपी गई है। मंत्रियों के क्षेत्र में ईओ की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।

सरकार ने वाहन तो दिया लेकिन चालक नहीं
नगर पंचायत चितबड़ागांव में जेसीबी, ट्रैक्टर, टेंपो, ई-रिक्शा, लोडर सहित कई वाहन सरकार की मेहरबानी से मिला। लेकिन उनकी जगह एक भी चालक नहीं है। किसी तरीके से नगर पंचायत व्यवस्था को सुचारू रूप से चला रही है। यहां पंप आपरेटर की भी कमी है। दो पंप आपरेटर के सहारे 15 वार्डों में पानी की आपूर्ति की जा रही है।

आबादी 50हजार और सफाई कर्मचारी मात्र 60
नगर पंचायत चितबड़ागांव में कुल 15 वार्ड है। इन वार्डों पर यदि गौर करें तो यहां की आबादी लगभग 50 हजार के उपर है। वहीं दस हजार घर भी है। वार्डों व मुहल्लों की सफाई में मात्र 60 कर्मचारी ही लगाए गए हैं। आप समझ सकते हैं कि इन वार्डों की सफाई किस तरीके से हो रही होगी।

चेयरमैन व ईओ के लिए न तो वाहन है और न ही चालक
नगर पंचायत में चेयरमैन और ईओ के लिए न तो कोई वाहन है और न ही कोई चालक। आखिर कैसे 15 वार्डों में चेयरमैन व ईओ सफाई कार्यों का जायजा लेंगे। अपने समय में चितबड़ागांव नगर पंचायत में मानक के अनुरूप कर्मचारी, बाबू, चालक व व्यवस्थाएं बेहतर रहती थी। लेकिन विगत 15 वर्षों से नगर पंचायत का हाल खराब है। उसको ठीक करने के लिए अभी तक शासन व प्रशासन की तरफ से कोई विशेष पहल नहीं हो पा रही है।

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