Ballia : कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया गया क्रिसमस डे
रसड़ा (बलिया)। क्षेत्र के राघोपुर मरियमपुर सेंट मेरिज स्कूल के प्रिंसिपल ने सिस्टर मर्सी दास प्रभु ईसा मसीह के जीवनी के बारे में बच्चों को बारीकी से समझाया। ईसा मसीह का जन्म, ईसाई धर्म के मुताबिक, फिलिस्तीन के बेथलेहम शहर में हुआ था। उनका जन्म 4 से 6 ईसवीं पूर्व के बीच हुआ था। ईसा मसीह की मां का नाम मरियम और पिता का नाम युसूफ़ थ वह एक बढ़ई थे। ईसा मसीह के माता-पिता नाज़रथ से थे। ईसा मसीह के जन्म के बारे में चार सिद्धांत हैं। ईसा मसीह के जन्म के समय, मरियम कुंवारी थीं, ईसा मसीह के जन्म के समय, परियां वहां आई थीं और उन्हें मसीहा कहा था।
ईसा मसीह की बढ़ती लोकप्रियता से यहूदियों को तकलीफ़ होने लगी, यहूदियों ने ईसा मसीह को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और फिर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया। ईसा मसीह को क्रॉस पर चढ़ाए जाने के बाद, उन्हें कब्र में दफ़ना दिया गया। तीन दिन बाद, संडे को ईसा मसीह कब्र से जीवित हो उठे। इसे ईस्टर संडे के नाम से जाना जाता है। खुद भगवान देवदूत का रूप धारण कर उन चरवाहों के पास पहुंचे थे और कहा था कि इस नगर में एक मुक्तिदाता का जन्म हुआ है। इसके बाद बच्चे के जन्मस्थल पर देखते ही देखते भीड़ लग गई और तभी से 25 दिसंबर के दिन को जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन के उपलक्ष में क्रिसमस डे मनाया जाता है। परासिया गांव के चर्च में बुधवार को प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिन पर एक से एक झांकियां प्रस्तुत की गई। एक बहुत बड़े मेले का आयोजन भी किया गया था, जो क्षेत्र के लोगों ने मेले का लुफ्त उठाया। फादर विजय ने प्रभु ईसा मसीह के जन्म पर लोगों को उपदेश दिया।
शिवानन्द वागले