Ballia : आरके मिशन स्कूल के वार्षिकोत्सव में दिखी स्वर्णिम भारत की झलक
बलिया। आरके मिशन विद्यालय में वार्षिक समारोह अनुभूति कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षा, संस्कृति और रचनात्मकता का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिला। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित पाल सिंह एवं नरेंद्र सिंह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलिया रहे।
मुख्य अतिथि का स्वागत विद्यालय घोष एवं खड़ताल नृत्य के साथ हुआ। विद्यालय के प्रबंधक हर्ष श्रीवास्तव ने मंच पर उनका अभिनंदन अंग वस्त्र एवं पुष्प गुच्छ से किया। मुख्य अतिथि ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि परिवार ही प्राथमिक पाठशाला है, जहां विद्यार्थी अपने जीवन के संस्कार और मूलभूत शिक्षा प्राप्त करता है। बच्चों में चारित्रिक गुणों का विकास और उनका सही मार्गदर्शन समाज को मजबूत बनाता है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के हाथों विद्यालय की वार्षिक पत्रिका अनुभूति का लोकार्पण भी किया गया।
मंच संचालन की जिम्मेदारी विद्यालय की होनहार छात्राओं शौर्या मिश्रा और जानवी गुप्ता ने बखूबी निभाई। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मंच पर प्रस्तुत विभिन्न संस्कृति आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम रहे। नृत्य, संगीत और नाट्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया और भारत की सांस्कृतिक विविधता का अद्भुत प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में लगी थी आठ गैलरियां
कार्यक्रम में कुल 8 गैलरियां लगाई गईं, जो छात्रों की रचनात्मकता और उनकी सोच को प्रदर्शित कर रही थीं।
हिंदी गैलरी और अंग्रेजी गैलरी, जो भाषायी समृद्धि और साहित्य को दर्शाती थीं। गणित गैलरी, जिसमें गणितीय कौशल और तार्किक सोच का प्रदर्शन किया गया। सामाजिक विज्ञान गैलरी, जिसने इतिहास, संस्कृति और समाज की झलक पेश की। वाणिज्य गैलरी, जो भारत की आर्थिक उन्नति का प्रतीक बनी। संस्कृत गैलरी, जिसमें भारत की प्राचीन भाषा और इसकी महत्ता का प्रदर्शन किया गया। कला गैलरी, जिसमें छात्रों की कलात्मक कृतियों को प्रदर्शित किया गया। फूड स्टॉल्स, जो भारत की विविध खान-पान संस्कृति का प्रतिनिधित्व कर रही थीं। इन गैलरियों ने दर्शकों को न केवल शिक्षित किया बल्कि छात्रों की प्रतिभा और परिश्रम को भी उजागर किया।
बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाते है ऐसे कार्यक्रम
विद्यालय के प्रबंधक हर्ष श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम उत्कृष्ट शिक्षा और छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए सदैव प्रतिबद्ध हैं। ऐसे कार्यक्रम बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं और उनकी प्रतिभा को निखारते हैं। अनुभूति कार्यक्रम ने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के समन्वित प्रयास से यह सिद्ध किया कि विद्यालय न केवल शिक्षा का केंद्र है, बल्कि चरित्र और कौशल निर्माण का महत्वपूर्ण आधार भी है। इस कार्यक्रम ने स्वर्णिम भारत की एक झलक प्रस्तुत करते हुए सभी को प्रेरित किया।
कार्यक्रम की सफलता में इनका रहा सहयोग
सम्पूर्ण विद्यालय प्रांगण को सुसज्जित करने का श्रेय कला शिक्षिका श्वेता वर्मा का रहा, जिनकी रचनात्मक दृष्टि से सभी परिचित हो सके। पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी शिक्षकों ने अपना यथोचित सहयोग किया। अंजनी मैम, नसीम फातमा, मलिका खान, चित्रलेखा, शालिनी, रंजना राय, मधु गुप्ता, मनीषा सिंह, कंचन मिश्रा, प्रशांत मौर्या, धर्मेंद्र वर्मा, संतोष सिंह, क्षितिज श्रीवास्तव, संजीव सिंह, सुलक्षणा, कृतिका, उत्कर्ष तिवारी आदि अन्य सभी ने अपना अपना योगदान दिया। कार्यक्रम का समापन विद्यालय के उप प्रधानाचार्य प्रदीप सिंह द्वारा किया गया।