Ballia : बागियों की धरती पर पांच दिवसीय बलिया महोत्सव
बलिया स्थापना दिवस एक नवम्बर 1879
रोशन जायसवाल
बलिया। ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि दीपावली के पर्व पर बलिया महोत्सव की आगाज हुई है। वैसे कार्तिक का महिना चल रहा है और इसी माह में ददरी मेला, कार्तिक पूर्णिमा जैसे पर्व मनाये जायेंगे। वहीं एक नवम्बर 1879 बलिया स्थापना दिवस के अवसर पर बलिया नगर के विधायक व उप्र सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बलिया महोत्सव कराकर जनपासियों का दिल जीता है।
28 अक्टूबर से लेकर 1 नवम्बर तक इस आयोजन को सफल बनाने के लिए शासन और प्रशासन के लोग लगे हुए है। महोत्व की शुरूआत बाबू मैनेजर सिंह मैराथन से हुई उसके बाद 28 तारीख की शाम को ही बंगाल विभाजन 1947 पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान फिल्म के कलाकारों को सम्मानित किया गया। उसके बाद 29 अक्टूबर को विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार व मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज ने किया।
इस अवसर पर इन कवियों ने सुरेन्द्र शर्मा, वसीम बरेलवी, अंजुम रहबर, विष्णु सक्सेना, कीर्ति काले, राजेश रेड्डी, गजेन्द्र सोलंकी, ताहिर फराज़, अनामिका जैन अम्बर, शम्भू शिखर, मणिका दुबे ने कविताओं की बौछार की और तीसरे दिन 30 अक्टूबर को भोजपुरी के सुप्रसिद्ध कलाकार व आजमगढ़ के पूर्व सांसद दिनेश लाल निरहुआ को आमंत्रिक किया गया।
चौथे दिन 31 अक्टूबर को रूद्रा शंकर मिश्र द्वारा लोक नाट्य साधना का मंचन, रोशन पाण्डेय द्वारा संगीत के सुर का कार्यक्रम, दीपु श्रीवास्तव व रवीन्द्र जानी हास्य कलाकारों द्वारा हंसी के फव्वारे का कार्यक्रम, साथ ही भोजपुरी नाईट में गोपाल राय व सुरेश कुशवाहा का कार्यक्रम होगा। 1 नवम्बर बलिया स्थापना दिवस पर गोरखपुर के सांसद रवि किशन व दिल्ली के सांसद व भोजपुरी जगत के सुप्रसिद्ध गायक व फिल्म अभिनेता मनोज तिवारी कार्यक्रम में शामिल होकर कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।