Ballia : विवेकानंद जयंती समारोह व विचार गोष्ठी का हुआ आयोजन
बलिया। राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर 12 जनवरी 2025 रविवार को राष्ट्रीय एकता मंच, बलिया के ओर से विवेकानंद जयंती समारोह एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जनपद के श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बलिया के मनोरंजन हाल में आयोजित इस विचार गोष्ठी का विषय-’’विवेकानन्द एवं आश्रम परम्परा की विश्व दृष्टि’’ रहा। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. पुष्कर मिश्र, प्रख्यात चिंतक एवं विचारक, निदेशक, रामपुर राज पुस्तकालय एवं संग्रहालय, रामपुर ने अपने उद्वोधन में कहा कि जब पाश्चात्य संस्कृति का वर्चस्व पूरे विश्व में प्रभावी था, उस दौर में स्वामी विवेकानंद ने न सिर्फ भारत को बल्कि पूरे विश्व को जागरूक किया कि भारतीय मनीषा संपूर्ण विश्व को मार्ग दर्शन कर सकता है। जलवायु परिवर्तन, वैश्विक तापमान, अतिवादी विचारधारा, गंभीर आर्थिक असमानता, संवेदनशून्यता, जैवकीय और रसायनिक हथियार जैसे अनेकों संकट के के इस चुग में जब पूरी दुनिया पर संकट मंडरा रहा है तब विवेकानंद के विचारों में हमें उम्मीद दिखता है। उनके अनुसार मानवीय सभ्यता के समक्ष अपने अनियोजित विकासीय कार्यों से उत्पन्न विश्वव्यापी बहुआयामी संकटों के निवारण हेतु आश्रम परंपरा के परिप्रेक्ष्य में स्वामी विवेकानंद जी के विचारों का अनुपालन करने वकालत की। उन्होंने मन, वाणी एवं कर्म में कठोरता से सत्य, निष्ठा एवं इमानदारी के पालन हेतु विभिन्न उद्धरणों एवं दृष्टांतों के माध्यम समझाया। मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। आनंद स्वरूप शुक्ल, पूर्व मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि राजनैतिक आंदोलन तो भारत में अनेकों हुए लेकिन सात्विक सामूहिक कार्य के प्रति जो दृष्टिकोण स्वामी विवेकानंद ने हमें प्रदान किया वो अनोखा और दूरदृष्टी से युक्त है। विवेकानन्द अपने विचारों से आज भी जीवंत है और आगे भी जीवंत रहेंगे। उन्होंने वेदान्त के संदेश को घर-घर पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने शिकागो धर्म सम्मेलन में विवेकानंद द्वारा सनातन धर्म और वेदान्त की महानता और व्यापकता के संबंध में दिये गये व्याख्यान और स्थापना का विस्तार पूर्वक वर्णन किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर सुजीत कुमार गुप्ता, कुलपति, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया ने कहा कि भारतीय आश्रम परंपरा हमें जीवन शैली के प्रति एक विशिष्ट दृष्टि प्रदान करता है। इस संबंध में स्वामी विवेकानंद ने अपने समय में देश में मौजूद अंधकार, पराधीनता, और कुरीतियों के प्रति लोगों को जागरूक किया। आज वैसे नौजवान जिनके आंखों में भविष्य को लेकर कोई सपना है, उन्हें जागृत करने की आवश्यकता है ताकि वे राष्ट्र निर्माण में अपना रचनात्मक योगदान कर सकें। राम इकबाल सिंह पूर्व विधायक स्वामी विवेकानंद ने देश के युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा था युवाओं ऐसी क्षमता होती है कि वे जैसा चाहे वैसा अपने राष्ट्र को विकसित कर सकते हैं। ओमवीर सिंह, (आई.पी.एस.), पुलिस अधीक्षक, बलिया ने कहा कि स्वामी विवेकानंद पिछले दो सदियों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और भारतीयता को पहचान दिलाने वाले शीर्ष स्तर के व्यक्तित्व रहे हैं।
शिकागो धर्म सम्मेलन में इनके द्वारा दिये गये भाषण का दष्टांत आज भी दिया जाता है। साथ ही पुलिस अधीक्षक के द्वारा समस्त जनपदवासियों से सड़क सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता का आह्वान किया गया। डॉ. विनोद राय, अपर सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद, वाराणसी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज जब परिवार टूट रहे हैं, भाईचारा और सामाजिक समरसता समाज से गायब होता जा रहा है तो पुनः समाज को आवश्यक है स्वामी विवेकानंद के वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा को अपनाने की। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अशोक पांडे, पूर्व प्राचार्य, श्री सुदृष्टि बाबा स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रानीगंज, बलिया के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन अरविन्द शुक्ल के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के आयोजन एवं सुचारू व्यवस्था के दायित्व का निर्वहन करुणानिधि तिवारी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में स्वागत गीत एवं सरस्वती वंदना बैष्णवी राय, सात्विक आर्यन, अराध्या, शाश्वत राय और प्रज्ञा के द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम में समाज सेवा, शिक्षा, खेल, कौशल विकास, संगीत व गायन के क्षेत्र में तथा अखिल भारतीय स्तर के प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफल जनपद के 21 युवाओं-अमरेश बहादुर सिंह, सचिन प्रजापति, अश्विनी पांडे, संजय पांडे, प्रशांत यादव, पुष्पेन्द्र यादव, सुनील कुमार शुक्ल, वैष्णवी राय, प्रज्ञा, सात्विक आर्यन, सिंधु ठाकुर , सत्यम ठाकुर, मो. इमाम खां, शोभा यादव, ललित मोहन सिंह, यादवेन्द्र उपाध्याय, अरविंद कुमार, राजेश कुशवाहा को उनके योगदान और प्रतिभा के लिए सम्मानित किया गया।