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Ballia : कार्तिक मास में भगवान विष्णु की पूजा, स्नान और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व

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बलिया। चातुर्मास का अंतिम स्नान, ध्यान और दीपदान की महत्ता वाला कार्तिक मास उदया तिथि के अनुसार, 18 अक्टूबर से आरंभ हो रहा है। इस मास में भगवान विष्णु की पूजा-आराधना, पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व रहेगा।
इसमें सभी को प्रकाश देने वाले सूर्यदेव अपनी नीच राशि तुला में रहेंगे। फलस्वरूप वातावरण में प्रकाश का क्षय होगा और नकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होगी। जिस कारण से इस मास में दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा में कमी आएगी और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। भगवान विष्णु भी नारायण रूप में इसी मास में जल में निवास करेंगे अतः कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक यथासंभव सूर्याेदय से पहले पवित्र नदी में स्नान से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होगी। अन्नदान, दीपदान करने से कुबेर जी की कृपा और कर्ज से भी मुक्ति मिलेगी। चंद्रमा के शुभता या चंद्रदोष से मुक्ति के लिए गरीबों को चावल दान करना उत्तम रहेगा। इस मास में प्रतिदिन गीता का पाठ करने से अनंत पुण्यों की प्राप्ति होगी। साथ ही तुलसी की आराधना व सेवन करना श्रेयस्कर रहेगा।
इस संबंध में ज्योतिषाचार्य डॉ. अखिलेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि इस मास में नरक चतुर्दशी (कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी) को छोड़कर अन्य दिनों में तेल लगाना वर्जित रहेगा।. उड़द, मूंग, चना, मटर, मसूर की दाल, बैंगन, करेला, मांस मदिरा का सेवन निषेध रहेगा।

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