Ballia : फैसला: चर्चित दोहरे हत्याकांड में साक्ष्य के अभाव में तीन आरोपी हुए दोषमुक्त

न्यायालय के समक्ष साक्ष्य साबित करने में असफल रहा अभियोजन पक्ष
उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर सी बी सी आई डी द्वारा ग्यारह वर्षों में पूरा किया था विवेचना व 2021 से चल रहा परीक्षण
उच्च न्यायालय के आदेश पर मुकदमे का हुआ निस्तारण
बलिया। अभियोजन पक्ष की खामियां हो या घटना की विवेचना यानी जांच कर रहे विवेचक हो उनके कार्यशैली पर तब सवालियां निशान लगना लाजमी हो जाता है जब जघन्य आपराधिक मामलों में बचाव को काफी लाभ मिल जाता है और अभियुक्त अपनी मूंछों पर ताव देकर जेल से बाहर आ जाता है जैसा कि शुक्रवार को नरही थाना क्षेत्र के लगभग 13वर्ष पूर्व दोहरे अति चर्चित हत्याकांड के मामले में अभियोजन पक्ष घटना साबित करने में पूरी तरह से नाकाम रहा और विशेष न्यायाधीश ई सी एक्ट महेश चंद्र वर्मा की न्यायालय ने तीन आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करने का आदेश पारित कर दी।
अदालती सूत्रों के मुताबिक नरही थाना क्षेत्र अंतर्गत सोहांव चर्च के पास 31दिसंबर 2011 को समय करीब 5ः30बजे शाम अपने घर बक्सर राजपुर राजनारायण राय व संजय राय वापस जा रहे थे कि पुरानी रंजिश को लेकर दोनों को गोली मारकर बादमाशों द्वारा घटना स्थल पर ही मौत के घाट उतार दी थी। जिसमें वादी मुकदमा राजपुर निवासी पिंटू राय के तहरीर पर राजपुर गांव के ही मुन्नीलाल, अंगद, जामवंत व विभीषण के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज हुआ। मुन्नीलाल ट्रायल के दौरान ही मर गए। जिसे न्यायालय ने अबेट कर दिया तथा तीन के विरुद्ध परीक्षण चलता रहा। अभियोजन की तरफ से समस्त गवाहों को परीक्षित तो कराया गया लेकिन अभियोजन पक्ष असफल रहा। वहीं बचाव पक्ष से डॉक्टर निर्भय नारायण सिंह तथा राजेंद्र त्रिपाठी ने अभियोजन की कमियों को न्यायालय के समक्ष सिद्ध करने में सफल हो गए जिसका परिणाम आरोपितों के पक्ष में आया और आरोपितों को न्यायालय ने बरी करने का आदेश पारित कर दी।


