Ballia : तीन फरवरी को मनाया जाएगा बसंत पंचमी का पर्व, ये है शुभ मुहूर्त

बलिया। सनातन धर्म में माघशुक्ल पंचमी, वसंत पंचमी के रूप मनाया जाता है। वसंत पंचमी इस वर्ष 3 फरवरी दिन सोमवार को है। यह माघ का चौथा प्रमुख स्नान भी है जो काशी, प्रयागराज व गंगासागर में स्नान किया जाता है। शास्त्र के अनुसार बसन्त पंचमी की मान्यता अपुच्छ मुहूर्त की है। इसी दिन वाणी, ज्ञान, बुद्धि और विवेक की अधिष्टात्री देवी मां सरस्वती के पूजा का विधान है। शास्त्रों में कहा गया है कि वसंतपंचमी के दिन ही रतिकाम महोत्सव मनाया जाता है।


इसके पीछे कारण यह है कि परम पतिव्रता रति व कामदेव प्रसन्न हो और सतत कर्म में हमें प्रवृत न करें। मन की एकाग्रता भी बनी रहे क्योंकि इनके प्रचण्ड प्रताप को देवता, ऋषि, मुनि भी नहीं सह सके तो मानव का क्या साम्य है कि उत्पादन, तापन, शोषण, स्तंभन इन अति कराल कामदेव के बाणों को सह सकें।
बंगाल में इस दिन को प्रेमदिवस भी कहा जाता है
इस संबंध में आचार्य डॉ अखिलेश कुमार उपाध्याय ने कहा कि वसंत पंचमी के दिन ही होलीकादहन के निमित्त होलिका गाड़ दी जाती है तो काशी में बागेश्वर देवी की जयंती मनाई जाती है। बंगाल में इस दिन को प्रेमदिवस भी कहा जाता है। शिक्षण संस्थानों में इस दिन ही छोटे बच्चों का विद्यारंभ संस्कार (स्लेट व खड़िया या अष्टगन्ध चन्दन से कापी पर अनार के पतली टहनी (सलाका) से कराया जाता है।
अनेक प्रेरक घटनाओं को भी याद दिलाता है बसंत पंचमी
बंगाली समाज में इस दिन पीले कपड़े पहने जाते है। पीले पकवान बनाये जाते है। पंजाबी लोग इस दिन मक्के की रोटी के साथ सरसो का साग व मीठा चावल चढ़ाकर ग्रहण किया जाता है। वसंतपंचमी का पर्व हमें अतीत की अनेक प्रेरक घटनाओं को भी याद दिलाता है। बनवासी लोग इस दिन शीला को पूजते है जिसके बारे में उसकी श्रद्धा है कि श्रीराम आकर यही बैठे थे। यहां शबरी माता का मंदिर भी है और सरस्वती जी को बेर चढ़ाने की परम्परा भी है।
सभी छह ऋतुओं में बसंत को ऋतुराज कहा जाता
वसंतऋतु को सभी छह ऋतुओं में ऋतुराज के नाम से जाना जाता है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इस दिन पीला वस्त्र पहना जाता है व पीला तिलक लगाया जाता है। भारत व भारतीयता को प्रेम करने वाले शिक्षाविद इस दिन मां शारदे की पूजा कर उनसे अत्यधिक ज्ञानवान होने की प्रार्थना करते है।
सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त
7 बजकर 7 मिनट सुबह से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट के बीच।
12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक।
अभिजीत मुहूर्त 11ः40 से 12ः 40के मध्य।
