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Ballia : कोल माइंस के चीफ इंजीनियर व मनोज हत्याकांड के अभियुक्त को आजीवन कारावास


जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित पाल सिंह ने खुले कोर्ट में सुनाई फैसला
पीड़ित पक्ष ने कहा ऊपर वाले के दरबार में देर होता है अंधेर नहीं
बलिया।
लगभग उन्नीस वर्षों पूर्व हल्दी थाना क्षेत्र के बाबू बेल गांव में सीताराम सिंह के अहाते में तिलकोत्सव का कार्यक्रम हो रहा था, नाच गाने भी हो रहे थे। इसी दौरान किसी व्यक्ति ने रंजिश वश अंधाधुंध फायर किया, जिसमें डॉ. अशोक सिंह के रिश्तेदार जो कोल माइंस धनबाद के चीफ इंजीनियर थे उन्हें भी निशाना बनाया गया और उनकी भी हत्या की गई। साथ ही बगल के गांव डांगर वाद निवासी मनोज मिश्रा की भी हत्या हो गई, जिसमें चिकित्सक परिवार के व्यक्तियों को भी पुलिस ने नहीं बक्शा और उन्हें भी जेल भेज दी था, जबकि सच्चाई कुछ और ही थी। वहीं मामला जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित पाल सिंह के न्यायालय में सुनवाई हुई, जिसमें जिला जज श्री सिंह ने अभियोजन के सारे साक्ष्यों का अवलोकन करते हुए मुख्य अभियुक्त पोखरा निवासी विनय सिंह उर्फ विनय प्रताप सिंह को हत्या के मामले में दोषी करार करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और पचास हजार रूपये जुर्माना लगाई है। साथ ही जिला जज ने आदेशित किया है कि जुर्माने की धनराशि में से 20 हजार रूपये मृतक मनोज के पिता राधेश्याम मिश्रा को और 20 हजार रूपये मृतक चंदेश्वर सिंह की पत्नी शकुन्तला देवी को क्षति पूर्ति के रूप में दिया जाए। अदालती सूत्रों के मुताबिक डांगरवाद (हल्दी) निवासी राधेश्याम मिश्रा ने 5 दिसंबर 2006 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि समय करीब 11 बजे रात्रि में डॉ. सीताराम सिंह के अहाते में तिलकोत्सव का कार्यक्रम चल रहा था जिसमें उसका बेटा मनोज भी पहुंच गया था अंधा धुंध गोली चल रही थी जिसमें मनोज और एक अन्य व्यक्ति विंदेश्वर सिंह को गोली लगी थी और घटना स्थल पर ही मृत्यु हो चुकी थी। इस मामले में मुकदमा पंजीकृत हुआ और जांच शुरू हुई तो सभी तथ्य सामने आ गया। इस मामले में अभियोजन पक्ष से संजीव कुमार सिंह ने पुलिस के गवाहों समेत अन्य सभी के साक्ष्यों को पूरी कराई।
त्रिभुवन नाथ यादव एडवोकेट

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