Ballia : लोक कला जीवन का आधार हैं इसके बगैर जीवन की कल्पना भी असंभव: बोले आनंद दुबे



बलिया। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी लखनऊ एवं जागरूक शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान बलिया के संयुक्त तत्वावधान आयोजित त्रिदिवसीय लोक नाट्य समारोह के समापन पर वाइटल केयर फांउडेशन कसया कुशीनगर के कलाकारों की रासलीला ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिए।
समापन समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी व वरिष्ठ कोषाधिकारी आनन्द दुबे, विशिष्ट अतिथि संस्कृति व पर्यटन के जिला प्रभारी जयप्रकाश साहू, संजय सिंह, अर्चना द्विवेदी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किए। इस अवसर पर चीफ ट्रेजरी ऑफिसर ने कहा कि लोक कला जीवन का आधार हैं इनके बगैर जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है, मनुष्य संसार के सारे सत्कर्म और कुकर्म सुख-आनन्द की प्राप्ति के लिए करता है, नृत्य-संगीत इसे प्राप्त करने का सबसे सुगम साधन है।

अकादमी की ओर से अतिथियों और कलाकारों को स्मृति चिन्ह और तरु भेंट किए गए। आभार अकादमी की नाट्य सर्वेक्षक शैलजा कान्त ने व्यक्त किए। संस्थान के सचिव अभय सिंह कुशवाहा ने लखनऊ से पधारे अकादमी के अधिकारियों स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र से सम्मानित किए। संचालन वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने किए।