Ballia : शिक्षा, संस्कार और समावेश के त्रिवेणी से विद्यार्थियों को करते है तैयार : शाहिद सर

शिक्षा के क्षेत्र में अग्रसर हो रहा है दिल्ली पब्लिक कान्वेंट स्कूल
बलिया। दिल्ली पब्लिक कान्वेंट स्कूल अपने स्थापना के 25वां साल पूरा करने जा रहा है। इस सफलता के पीछे डायरेक्टर शाहिद सर के संघर्ष, कर्मठ, मेहनत और लगन माना जाता है। स्कूल के डायरेक्टर ने एक छोटी शुरूआत की जो आज बच्चों के बेहतर शिक्षा देने के साथ ही खेलकूद, फिटनेस, बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करना और उनको सफल छात्र के रूप में प्रतियोगिता में तैयार करता है। इन दिनों स्कूल में प्रवेश परीक्षा को लेकर अभिभावक अपने बच्चों के साथ पहुंच रहे है। यहां विद्यालय की कोआर्डिनेटर श्यामा राय और ज्वाइंट डायरेक्टर शमीमा खान बच्चों से रूबरू हो रही है।
इस सिलसिले में दिल्ली पब्लिक कान्वेंट स्कूल के डायरेक्टर शाहिद सर ने बताया कि डिजिटल संसाधनों के साथ-साथ प्रयोगात्मक शिक्षण पर विशेष ध्यान देकर, हम उन्हें वैश्विक नागरिकता की दिशा में अग्रसर करेंगे। मेरा विश्वास है कि शिक्षा, संस्कार और समावेश के इस त्रिवेणी से हम एक ऐसा विद्यालय बनाएंगे, जहां हर बच्चा अपनी असीमित क्षमता को पहचाने। शिक्षकों के लिए नवाचारी पद्धतियों पर कार्यशालाएं आयोजित कर उनके कौशल को अद्यतन रखा जाएगा। सामाजिक उत्तरदायित्व को पाठ्यक्रम से जोड़ते हुए, छात्रों को पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सेवा के प्रति संवेदनशील बनाना भी हमारी प्राथमिकता होगी।



विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार करना मेरा लक्ष्य: श्यामा राय
दिल्ली पब्लिक कॉन्वेंट स्कूल की शैक्षणिक समन्वयक श्यामा राय ने बताया कि मेरा लक्ष्य 2025-26 के सत्र में सृजनात्मक शिक्षण, सामुदायिक जुड़ाव और सतत विकास के माध्यम से विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार करना है। हम छात्रों में वैज्ञानिक चिंतन, नैतिक मूल्यों और कलात्मक अभिव्यक्ति को समान रूप से प्रोत्साहित करेंगे। साथ ही, खेल एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से व्यक्तित्व विकास पर बल दिया जाएगा। शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों के सामूहिक प्रयास से हम एक ऐसी पीढ़ी गढ़ेंगे जो ज्ञान, करुणा और साहस के साथ समाज का नेतृत्व करे। समाज के वंचित वर्गों के लिए विशेष शिक्षण शिविर और डिजिटल पहुंच हमारी प्रतिबद्धता होगी।

प्रतिस्पर्धा के बजाय सहयोग की संस्कृति करेंगे विकसित: शमीमा
दिल्ली पब्लिक कॉन्वेंट स्कूल की संयुक्त निदेशक शमीमा खान ने बताया कि हमारा लक्ष्य शिक्षा को एक सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बनाते हुए ऐसी पीढ़ी तैयार करना है जो नैतिकता, नवाचार और राष्ट्रनिर्माण में अग्रणी हो। 2025-26 के सत्र में हम शैक्षणिक गुणवत्ता के साथ-साथ सांस्कृतिक संवेदनशीलता और ग्लोलोकल दृष्टिकोण (स्थानीय जड़ों के साथ वैश्विक सोच) को समेटेंगे। छात्रों को रोबोटिक्स और सस्टेनेबिलिटी जैसे क्षेत्रों में शोध हेतु उन्नत संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। शिक्षकों को मेंटरशिप प्रोग्राम के माध्यम से नेतृत्व कौशल से जोड़ा जाएगा। साथ ही, सीखने की खुशी को पाठ्यक्रम का केंद्र बनाकर, हम प्रतिस्पर्धा के बजाय सहयोग की संस्कृति विकसित करेंगे।
