बलिया में बहुचर्चित खाद्यान्न घोटाले के आरोपी ‘ तत्कालीन बीडीओ ‘ अमेठी में गिरफ्तार, इस ब्लाक पर रह कर किया था घोटाला
तिलक कुमार
बलिया में बहुचर्चित खाद्यान्न घोटाले के आरोपी ‘ तत्कालीन बीडीओ ‘ अमेठी में गिरफ्तार, इस ब्लाक पर रह कर किया था घोटाला
बलिया। बलिया के बहुचर्चित खाद्यान्न ‘घोटाला ‘ मामले में आरोपी तत्कालीन बीडीओ रामफेर राम को आखिरकार पंद्रह साल बाद अमेठी जिले के करमौली गांव से गिरफ्तार कर लिया गया है। आर्थि्रक अपराध अनुसंधान संगठन की टीम के इंस्पेक्टर सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि रामफेर राम बीते पांच वर्षों से यहांं छिपकर रह रहा था। जबकि रामफेर मूलरूप से जौनपुर के मढ़ी गांव का रहने वाला है।
इंस्पेक्टर श्री वर्मा के मुताबिक रामफेर 2002 से 2005 के दौरान हनुमानगंज ब्लक पर खंड विकास अािकारी के पद पर तैनात था। दरअसल केंद्र सरकार की योजना थी जिसके तहत ब्लाक के तमाम गावों के बेहद गरीब गुरबा और अति निर्धन बच्चों के परिजनों को रोजÞगार देना था। इसके तहत उन्हें खाद्यान्न और नकद पैसों का भुगतान करना था, केंद्र सरकार की इस योजना के तहत खड़ंजा बिछाने से लेकर सीसी और पुलिया बनाने, पटरी मरम्मत मिटटी गिराने और नाली निर्माण का काम कराना था और इसके बदले में उन्हें नकद राशि का भुगतान करना था़, लेकिन बीडीओ ने अधिकारियों और कोटेदारों के साथ मिलकर बड़ा खेल कर दिया।
सुखपुरा थाने में दर्ज है मामला
खाद्यान्न वितरण रजिस्टर, मस्टर रोल और पेमेंट आर्डर पर मजदूरों का फर्जी हस्ताक्षर बनवा लिया़। इसमें मजदूरों का इसमें फर्जी नाम और पता भी लिख दिया गया और इस तरह करीब साढ़े चौदह लाख रूपये का खाद्यान्न और पंद्रह लाख अस्सी हजार रूपये नकद गबन कर लिए गए। इस मामले में 2006 तत्कालीन बीडीओ रामफेर राम के खिलाफ सुखपुरा थाना में मामला दर्ज किया गया था।
मामला इस तरह पहुंचा आर्थिक अनुसंधान संगठन के पास
मामला तत्कालीन जिलाधिकारी के पास जाने के बाद इसे प्रदेश सरकार की आर्थिक अपराध अनुसाांन संगठन की वाराणसी इकाई को सौंप दी गई। वाराणसी इकाई के आर्थिक अपराध अनुसाांन संगठन के पुलिस आीक्षक डा़ प्रदीप कुमार ने निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा के नेतृत्व में टीम गठित की थी।