
बिना लाइसेंस के ई-रिक्शा को तेज रफ्तार में दौड़ा रहे चालक
बेतरतीब ढंग से रोड पर लगा देते हैं वाहन
सिकंदरपुर (बलिया)। शहर में फर्राटा भरने वाले अधिकांश ई-रिक्शा की कमान नाबालिगों के हाथों में दिखाई दे रही है। बिना लाइसेंस के यह चालक इस हल्के वाहन को तेज रफ्तार में दौड़ा रहे हैं। इससे लोगों की जान पर खतरा बना हुआ है। नाबालिगों के हाथों में स्टेयरिंग होने से शहर में ई-रिक्शा पलटने की कई घटनाएं पूर्व में हो चुकी हैं। लोगों की जान खतरे में डालकर फर्राटा भरने वाले ऐसे वाहन चालकों पर नजर पड़ने के बाद भी पुलिस उन्हें यातायात नियम बताना मुनासिब नहीं समझ रही है। बैट्री से चलने वाला ई-रिक्शा बेरोजगार युवकों के लिए रोजगार का माध्यम बन गया है। यही कारण है कि शहर में दर्जनों युवक ई-रिक्शा चलाते हुए दिखाई दे रहे हैं और लापरवाही पूर्वक उसे दौड़ा रहे हैं। यह चालक बिना इंडीकेटर जलाए ही अचानक वाहनों को जिस तरफ चाहे उस तरफ मोड़ दे रहे हैं, वहीं सवारियों के आवाज लगाने पर अचानक सड़क पर ही वाहन का ब्रेक भी लगा दे रहे हैं, जिससे आगे और पीछे से आने वाले वाहनों से टकराने का भय बना रहता है। इस वाहन में तीस किमी रफ्तार का मीटर लगा हुआ है, लेकिन चालक इसे हवा में उड़ा रहे हैं। इस वाहन की हालत यह है कि यह काफी हल्का है। तेज रफ्तार से चलने के दौरान अगर छोटे गड्ढे में भी इसका पहिया चला गया तो वाहन पलटने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

बावजूद चालक तेज रफ्तार से इसे दौड़ा रहे हैं। कई नाबालिग चालक छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल ले जाने और छुट्टी होने पर घर पहुंचाने का कार्य भी कर रहे हैं। इससे बच्चों पर भी खतरा मंडरा रहा है। इसके पूर्व शहर में ई-रिक्शा पलटने की कई घटनाएं हो चुकी है। ’क्षमता से अधिक ढो रहे यात्री’-ई रिक्शा वाले क्षमता से अधिक सवारी ढो रहे हैं। ड्राइवर सीट के पास कभी कभी दोनों तरफ यात्री बैठाए नजर आ रहे हैं। ऑटो की तर्ज पर कुछ यात्री तो ई-रिक्शा पर खड़ा होकर यात्रा करते देखे जाते हैं। कुछ ई-रिक्शा वाले तो यात्रियों की जगह माल भी ढोने लगे हैं। मसलन सब्जियों के गट्ठर, इलेक्ट्रॉनिक व अन्य सामग्री लोड कर गंतव्य स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। सवारी या माल अधिक होने पर खतरे की आशंका बढ़ जाती है, लेकिन, कमाई के फेर में जान जोखिम में डाल रहे हैं। दोपहिया वाहन की जांच तेज पर ई रिक्शा की कोई जांच नहीं’ क्षेत्र में दोपहिया वाहनों की जांच तेजी से की जा रही है। बिना फेस मास्क व हेलमेट या ट्रिपल लोड दो पहिया वाहन को देखते ही रोक कर ट्रैफिक नियम को समझाने का एक सफल प्रयास टीएसआई रुद्र प्रताप मल्ल द्वारा किया जा रहा है, जिसकी आम लोगांे द्वारा काफी प्रशंसा भी मिल रही है और इससे बहुत हद तक ट्रैफिक नियमों में सुधार भी नजर आ रहा है और इस अभियान का असर भी लोगों में दिख रहा है।
कमाई के फेर में दुर्घटनाओं को आमंत्रण
मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत कोई भी 18 वर्ष से कम उम्र का व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर वाहन नहीं चला सकता, लेकिन, यहां तो कमाई के फेर में 18 वर्ष से कम उम्र के नाबालिग भी ई-रिक्शा चला रहे हैं। ऐसे चालकों की छानबीन नहीं किए जाने से परिवहन नियमों की धज्जियां उड़ रही है। ई-रिक्शा में पीछे चार लोगों के बैठने की जगह है। बावजूद इसके अधिक पैसा कमाने के चक्कर में चालक पीछे पांच से छह और अपनी सीट पर एक से दो लोगों को बैठाकर फर्राटा भर रहे हैं। अधिकांश ऐसा देखा जा रहा है कि आगे की सीट पर भी एक से दो सवारी के बैठने के दौरान चालक तिरछा होकर वाहन चला रहे हैं, जिससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।
’वर्जन’
अगर नाबालिक ई रिक्शा चला रहे है तो इन चालकों की सूची बनाई जाएगी। उनके गार्जियनों को बुलाकर ट्रैफिक नियमों को समझा कर नबालिकांे से वाहन न चलवाने की सख्त हिदायत दी जाएगी और उसके बाद भी अगर नाबालिक वाहन चलाते हुए पाए जायेंगे तो ट्रैफिक इंस्पेक्टर को निर्देशित करके उन लोगों का चालान कराते हुए आवश्यक कार्रवाई कराई जाएगी।