Ballia : नैतिक बल ही देता है सच लिखने का साहस
हिन्दी पत्रकारिता दिवस के पूर्व संध्या पर संगोष्ठी का आयोजन
बलिया। पत्रकार न कोई छोटा होता है और न ही बड़ा और यही स्थिति खबरों की भी है, इसलिए पत्रकार को अपने नैतिक मूल्यों को बचाते हुए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समाचार का प्रेषण करना चाहिए। यह उद्गार हैं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश राय के जो हिन्दी पत्रकारिता दिवस की 176वीं जयंती के अवसर पर चन्द्रशेखर उद्यान में आयोजित पत्रकारों की एक गोष्ठी में अपने विचार मुख्य वक्ता के रूप में रख रहे थे। पत्रकारों संग हो रही आये दिन हिंसा की निन्दा करते हुए दोषियों के लिए सजा की मांग की गई। इस अवसर पर मनोज राय ने पत्रकारों को जिन चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है और अपनी जान तक ख़तरे में डालनी पड़ रही है। श्रवण पाण्डेय ने सतर्कता बरतने पर बल दिया और संगठन की एकता सर्वाधिक आवश्यक बताया। प्रभात पांडेय ने छोटे पत्रकारों की चर्चा करते हुए पत्रकारों की एकता पर बल दिया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मकसूदन सिंह ने कहा कि अगर हमें लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में स्थायी रुप से बने रहना है तो अपनी विश्वसनीयता को और अपनी समाचार की गुणवत्ता को सदा बनाए रखना है। इस संगोष्ठी को मुकेश मिश्रा, सन्नी राज, विक्की गुप्ता, सुनील सेन, दिनेश गुप्ता, संजय, कंचन सिंह, चन्दन, नवलजी, बीपी यादव आदि ने भी सम्बोधित किया।