Ballia : सारे दावे फेल, एक बार फिर ठेले पर मरीज, वीडियो वायरल
बैरिया (बलिया)। सरकारी तन्त्र की विफलता एक बार फिर प्रकाश मे आई। सारे दावे फेल, एक बार फिर ठेले पर मरीज को अस्पताल ले जाने और ठेले से ही वापस घर ले जाने का वीडियो वायरल हुआ है। मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा से जुड़ा हुआ है। हालांकि चिकित्सक अपना पक्ष दे रहे हैं। किंतु प्रश्न यह उठ रहा है कि अगर अस्पताल में एंबुलेंस मिल जाता तो ठेले पर लादकर मरीज को परिजन वापस क्यों ले जाते। गौरतलब है कि सुनीता देवी 55 वर्ष पत्नी स्वर्गीय लखन प्रसाद बैरिया रामा बाबा दलित बस्ती की निवासी हैं। बुधवार की देर रात उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई। उन्हें उनके पड़ोसी रासबिहारी अपने ठेले पर लादकर रात को 11 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा ले आए। वहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर संजय श्रीवास्तव ने एक इंजेक्शन लगा कर वापस उन्हें बलिया रेफर कर दिया। रासबिहारी सुनीता देवी को ठेले पर लादकर फिर वापस घर जा रहे थे। क्योंकि उनके पास बलिया जाने के लिए पैसा नहीं था। तभी पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह के सहयोगी निखिल उपाध्याय व अमित सिंह क्षत्रिय कही से निमंत्रण से वापस घर लौट रहे थे। दोनों लोगों ने ठेले पर मरीज को देखा तो पूरी बात पूछी। फिर उसे लेकर सोनबरसा अस्पताल ले आये। जहां डॉक्टर संजय श्रीवास्तव से समुचित इलाज को लेकर डॉक्टर संजय श्रीवास्तव से निखिल उपाध्याय व अमित सिंह क्षत्रिय निवासी सोनबरसा के साथ कहासुनी भी हुई। जिसके बाद बगल में रह रहे मऊ में तैनात वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉक्टर नवीन कुमार सिंह के पास सुनीता देवी को ले गए। जहां नवीन सिंह के इलाज के बाद सुनीता देवी ने राहत महसूस किया। फिर जब आराम मिल गया तो रासबिहारी ने सुनीता को ठेले पर लेटा कर घर वापस ले आए। सुबह फिर सुनीता को इलाज के लिए रासबिहारी ने सोनबरसा पहुंचाया। जहां समाचार लिखे जाने तक उनका इलाज चल रहा था। सुनीता देवी ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने केवल एक इंजेक्शन लगा दिया। ठीक से देखा भी नहीं। जिसके बाद मुझे अमित सिंह क्षत्रिय व निखिल उपाध्याय ने डॉक्टर नवीन सिंह के पास ले जाकर दिखाया। इस बाबत पूछने पर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर संजय श्रीवास्तव ने बताया कि पूरी तत्परता के साथ मैंने सुनीता देवी का इलाज किया था, और बलिया रेफर करने के बाद हमने उन्हें 108 नंबर पर फोन करके एंबुलेंस बुलाकर बलिया जाने को कहा। किंतु सुनीता के साथ आए रासबिहारी और उनकी 14 वर्षीय पुत्री अंजली ने कहा कि हम लोग बलिया नहीं जाएंगे। हम लोग घर जाएंगे और ठेले पर मरीज को लादकर घर चले गए। गौरतलब है कि सोनबरसा अस्पताल की व्यवस्था काफी समय से अस्त व्यस्त चल रही है। क्योंकि यहां तैनात अधिकांश डॉक्टर बिना सूचना के ड्यूटी से गायब हैं। ऐसे में रात को सोनबरसा में इमरजेंसी ड्यूटी पर किसी चिकित्सक का मिल जाना यह चौंकाने वाली बात है।