Ballia : यदि व्यक्ति अपने जीवन में चरित्र निर्माण कर लेता है तो वह नर से नारायण बन जाता है: सन्त केसरी दास बाबा
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मझौवां (बलिया)। गोस्वामी तुलसीदास ने संसार को श्रीराम चरित मानस प्रदान कर ये बताने का प्रयास किया है कि जीवन में यदि कोई भी व्यक्ति ब्राम्हण, क्षत्रिय, वैश्य, शुद्र यदि अपने जीवन में चरित्र निर्माण कर लेता है तो वह नर से नारायण बन जाता है। उक्त बातें ग्राम पंचायत जागदेवा के चिन्ता मणि राय के टोला स्थित ख्यातिलब्ध ब्रह्मलीन सन्त केसरी दास बाबा के कुटी पर आयोजित नव दिवसीय श्री राम प्रतिष्ठात्मक यज्ञ मंे सोमवार कि रात्रि अयोध्या धाम से पधारे सन्त राम रसिक दास जी महाराज ने कहा। बताया कि उदाहरण के लिए रत्नाकर नाम का दुर्दांत डाकू, वाल्मिकी भये ब्रम्ह समाना कि उपाधि प्राप्त कर चरितार्थ कर दिखा दिया कि चरित्र निर्माण कर नर से नारायण बना जा सकता है। यही नहीं पक्षी राज जटायू जो एक मान्सा हारी थे, अपने चरित्र बल से भगवान के गोद में ही अपना पार्थिव शरीर त्याग कर चतुर्भुज रूप धारण कर चरितार्थ कर दिखा दिया कि नर ही नहीं चरित्र बल से पशु पंछी भी नारायण बन सकता है। इसलिए समाज मे चरित्र निर्माण कि अति आवश्यक्ता है। कथा देर रात तक चलती रही। जहां सैकड़ों नर-नारी कथा रूपी सागर में गोते लगाते रहे।
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