अंधी हो गई बलिया पुलिस की ”तीसरी आंख”, शो-पीस बनकर रह गया सारे सीसीटीवी कैमरे
तिलक कुमार
बलिया। बलिया में अपराध रोकने और अपराधियों की पहचान करने के लिए जो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, उसमे से ज्यादातर अब खराब हो चुके हैं। इसकी मरम्मत कराना अब पुलिस महकमा ज़रूरी नहीं समझता है। वहीँ कैमरे के खराब होने की वजह से बंदरों द्वारा इसे तोड़ना नोचना बताया जा रहा है।
आपको बता दें कि पुलिस की तरफ से विशुनीपुर चौराहे से लेकर यूको बैंक चौराहे पर मिलकर सात कैमरे लगाए गए। वहीँ स्टेशन के बाहर पुलिस पिकेट के पास छह सीसीटीवी कैमरा लगे हैं। इसके अलावा शहीद चौक पार्क के उत्तर दिशा में भी दो कैमरे लगाए गए, लेकिन इसमें से ज्यादातर कैमरे ख़राब पड़े हैं या गलत दिशा में हैं। इसके अलावा गड़वार तिराहे पर चार और टीडी कॉलेज चौराहे पर चार कैमरे हैं।भरौली गोलम्बर पुलिस पिकेट पर दो कैमरे और बैरिया थाने के चांदपुर दियर चौकी पर दो कैमरे लगे हैं। यहाँ कैमरा लगाने का मकसद था कि सीमा के रास्ते होने वाली तस्करी को रोका जाए और ऐसा करने वालों पर नज़र रखा जाए लेकिन यह भी सही दिशा में नहीं लगाए गए हैं। कोई आसमान की तरफ देखा रहा है तो कोई कैमरा ज़मीन में। ऐसे में इन कैमरों के ज़रिये किसी बड़ी वारदात के अपराधियों की पहचान करना करीब करीब न मुमकिन सा है।
पुलिस की गुजारिश नहीं आया काम…..
दरअसल लगातार हो रही लूट, छिनैती और बड़ी वारदात पर रोकने के लिए कैमरे काफी कारगर साबित हो सकते हैं। हालाँकि पुलिस ने सभी छोटे बड़े दुकानदारों से गुज़ारिश की है कि वह अपने दूकान के बाहर कैमरे लगवाएं। हालाँकि अभी भी बहुत से दुकानदारों ने कैमरे नहीं लगवाएं हैं। आपको बता दें कि अभी तक सीसीटीवी कैमरे के ज़रिये एक भी घटना का खुलासा नहीं हो पाया है।