Ballia : सुखपुरा शहीद दिवस: जब क्रांतिकारियों ने अंग्रेज सिपाहियों से छीनें बंदूकें
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बलिया। 1942 की क्रांति पूरे देश में जानी जाती है। बलिया को सबसे पहले आजादी दिलाने मेें सुखपुरा का भी कम योगदान नहीं रहा। जब पूरा देश आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था। उस समय सुखपुरा भी अग्रणी भूमिका में था। सुखपुरा के वीर सपूतों ने बलिया को आजादी दिलाने में जो संघर्ष किया वह आज भी इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। सुखपुरा के शहीदों को नमन करने के लिए हर साल 23 अगस्त को सुखपुरा शहीद दिवस मनाया जाता है। 23 अगस्त, 1942 को अंग्रेज सिपाहियों से बंदूक छीनने की घटना के बाद अंग्रेजों ने सुखपुरा गांव में धावा बोल दिया। यहां दो क्रांतिकारियों को गोली मार दी। एक के नहीं मिलने पर उनके घर के जानवरों को भी नहीं बख्शा। घटना 17 अगस्त 1942 की है। पांच की संख्या में अंग्रेज सिपाही देवरिया से बेल्थरारोड होते हुए सुखपुरा होकर बलिया जिला मुख्यालय जा रहे थे। सुखपुरा से तीन किमी पहले भरखरा गांव के समीप जब अंग्रेज सिपाही पहुंचे, तो पहले से घात लगाकर बैठे क्रांतिकारियों ने अंग्रेज सिपाहियों से बंदूक छीनकर वर्दी उतरवाकर उन्हें भारतीय परिधान पहनाकर उन्हें रवाना किया। इससे अंग्रेजों में जबरदस्त हड़कम्प मच गया। बंदूक छीनने वाले क्रांतिवीरों में नागेश्वर राय, हीरा गोंड, जंग बहादुर सिंह, राजनारायण सिंह तथा भरखरा के लोग शामिल थे। 17 अगस्त की घटना ने अंग्रेज हुकूमत को हिलाकर रख दिया। इसी समय स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडेय की अगुवाई में 19 अगस्त को बलिया आजाद हो गया. फिर क्या था.. चारों ओर खुशी की लहर दौड़ पड़ी थी लेकिन खार खाए अंग्रेजों ने सुखपुरा में 23 अगस्त को जमकर तांडव मचाया। 23 अगस्त, 1942 को अंग्रेजों ने बंदूक छीनने को लेकर सुखपुरा पर हमला कर दिया। पूरा गांव अंग्रेज सिपाहियों के बूटों की आवाज और गोलियों की तड़तड़ाहट से सहम गया था। कस्बे के वरिष्ठ कांग्रेसी चंडी लाल को चट्टी पर अंग्रेज सिपाहियों ने गोली मार दी। इसके बाद सुखपुरा के महंथ यदुनाथ गिरि के दरवाजे पर गए. महंथ तो पिछले दरवाजे से भाग गए लेकिन उनके हाथी और कुत्ते को अंग्रेजों ने गोली मार दी।
वहां से गौरी शंकर को खोजते हुए आगे बढ़े और उनको गोली मार दी। जबकि कुलदीप सिंह अंग्रेज सिपाहियों से बचकर भाग निकले. फिर कभी घर वापस नहीं लौटे। इन्हें भी शहीद का दर्जा प्रदान किया गया है। इन्ही लोगों की याद में हर साल सुखपुरा में शहीद दिवस मनाया जाता है। इस दिन शहीद मेला का भी आयोजन किया जाता है।
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