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Ballia : कुलाधिपति की अध्यक्षता में चन्द्रशेखर विवि का चौथा दीक्षांत समारोह आयोजित

मनोज कुमार


34 विद्यार्थियों को दिये गोल्ड मेडल, 25220 को दी गयी उपाधि
बलिया।
जनननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय का चौथा दीक्षान्त समारोह रविवार को कुलाधिपति/राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। इस समारोह में कुल 25220 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गयी, जिसमें 22421 स्नातक स्तर के तथा 2799 स्नातकोत्तर स्तर से विद्यार्थी सम्मिलित हैं। इसके अलावा 34 मेधावियों को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया, जिसमें 28 छात्राएं व 6 छात्र हैं। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि इसरो के मानद प्रो0 पद्मश्री वाईएस राजन व विशिष्ट अतिथि प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय सम्मिलित हुए। राज्यपाल ने समस्त विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह शैक्षणिक यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। यह खुशी की बात है कि यह विश्वविद्यालय बलिया जनपद की सांस्कृतिक विरासतों को खोजने, उन्हें संरक्षित रखने की दिशा में काम कर रहा है। गोल्ड मेडलिस्ट में छात्राओं की संख्या 80 फीसदी होने पर हर्ष जताया। साथ ही छात्रों को भी कड़ी मेहनत करने को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यह दौर विज्ञान और तकनीकी का है, लिहाजा हमें इसके साथ कदमतल को तैयार रहना होगा। आत्मनिर्भर भारत का संकल्प इसी दिशा में बढ़ाया गया सार्थक कदम है। समस्त विद्यार्थियों के लिए अपने पैरों पर खड़े होने के संकल्प का भी है। भौतिक विकास के साथ ऊंचे जीवन मूल्यों के संरक्षण पर उन्होंने विशेष जोर दिया। राज्यपाल ने कहा कि स्टार्टअप इण्डिया, स्टैण्डअप इण्डिया, पीएम स्कॉलरशिप जैसे कार्यक्रम उद्यमशील युवाओं के लिए नई सम्भावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने बलिया जनपद की मिट्टी से जुड़े ख्याति प्राप्त व्यक्तियों को ‘लिविंग लिजेंड्स ऑफ बलिया‘ फोरम से जोड़ने का अभिनव प्रयास किया। एक भारत-श्रेष्ठ भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ओडीओपी के अन्तर्गत विश्वविद्यालय सिन्होरा व बिन्दी उद्योग में तकनीकी सहयोग दे रहा है।


स्वास्थ्य सही रखना है तो मोटा अनाज खाएं
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि हम सबका सेहतमंद रहना सबसे जरूरी है। इसलिए स्वास्थ्य सही रखना है तो मोटा अनाज खाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी वर्ष 2023 को ‘मिलेट ईयर‘, यानि ‘मोटा अनाज वर्ष‘ घोषित किया है। पहले हमारे देश में 40 प्रतिशत मोटा अनाज का उत्पादन होता था, परन्तु आज विलुप्त होने के कगार पर है। हमें फिर मोटे अनाज की पैदावार व उसका अधिकाधिक प्रयोग करना ही होगा। तमाम गंभीर रोगों से निजात दिलाने में मोटा अनाज मदद करता है।


शिखर सम्मेलन भारत में होना गर्व की बात
राज्यपाल ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन इस वर्ष भारत के नेतृत्व में होने जा रहा है। भारत ही सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा। यह हम सबके लिए गर्व की बात है। प्रदेश के भी चार शहरों में कार्यक्रम होंगे। उन्होंने कहा कि यह अनुसंधान की सदी है और इस सदी में बहुत कुछ करने की जिम्मेदारी वर्तमान पीढ़ी के कंधों पर है।
योग को जरूर अपनाएं
राज्यपाल ने कहा, टाटा कैंसर रिसर्च सेंटर द्वारा यह शोध किया गया है कि योग के माध्यम से ब्रेस्ट कैंसर ठीक हो गया। योग के माध्यम से अन्य कई गंभीर रोगों से निजात पा सकते हैं। योग अत्यंतत ही शक्तिशाली है, लिहाजा हम सब योग को जरूर अपनाएं।


एब्यूज, डिस्यूज व मिस्यूज‘ से बचें, क्षितिज से भी आगे की सोचें: प्रो. राजन
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि इसरो के मानद प्रोफेसर वाईएस राजन ने विभिन्न विषय वर्ग के विद्यार्थियों को उनके क्षेत्र से सम्बन्धित सफलता की सम्भावनाओं के कई मंत्र दिए। उन्होंने कहा कि सफल होने के सबसे जरूरी है, जीवन, शरीर व मन को स्वस्थ एवं स्वच्छ रखना। उन्होंने तीन शब्द ‘एब्यूज, डिस्यूज व मिस्यूज‘ यानि दुर्व्यवहार, अनुपयोग व दुरूपयोग से बचने की सलाह दी। इन तीनों शब्दों को तमाम उदाहरण सहित विस्तार से समझाया। कहा कि स्वस्थ शरीर व मन से ही आप अपने पेशेवर जीवन में उपलब्धि पा सकते हैं। प्रो. राजन ने छात्र-छात्राओं से कहा कि आपको क्षितिज से भी आगे की सोचना होगा। उन्होंने शरीर को स्वस्थ रखने के कई टिप्स दिये। मेरूदंड को हमेशा सीधा रखने की सलाह दी। खाने या मोबाइल चलाने के दौरान अत्यधिक झुके रहने से गंभीर परिस्थिति पैदा हो सकती है। खाने-पीने, सोने व आराम करने में संयम का होना जरूरी है। प्रो. राजन ने कहा कि काफी लोग सरकरी नौकरी ही चाहते हैं, पर सरकारी नौकरियां सीमित है। अब भी भारत में अधिकतर रोजगार असंगठित क्षेत्रों से है, जैसे-स्वव्यवसाय, दुकानदार, कार्मिक आदि। उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में अंग्रेजी का साधारण ज्ञान तथा कम्प्यूटर चलाने की सामान्य जानकारी अत्यंत आवश्यक है। पर्यटन, होटल प्रबंधन, कृषि, सुरक्षा, अवसंरचना, स्वास्थ्य आपूर्ति क्षेत्र के विभिन्न पक्ष, खुदरा नेटवर्क, मनोरंजन क्षेत्र, टीवी, सिनेमा, संगीत, आदि कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां कौशलयुक्त व्यक्तियों की मांग है। बैंकिंग क्षेत्र, सीए के सहयोगी के रूप में, लघु मध्यम उद्योगों के लिए लेखा धारण, जीएसटी से सम्बन्धित सहयोगी के रूप में कार्य करने के भी तमाम मौके उपलब्ध हैं। साथ ही अतिरिक्त तकनीकी कौशल अर्जित करने पर भी उन्होंने विशेष जोर दिया।

लक्ष्य प्राप्ति में सरकार की योजनाएं बन रहीं सहायकर : उच्च शिक्षा मंत्री
दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि योगेंद्र उपाध्याय ने बलिया की महान विभूतियों को नमन कर अपने सम्बोधन शुरू की। उन्होंने कहा कि कोई दीक्षांत समारोह किसी भी यूनिवर्सिटी के लिए विशिष्ट होता है। यह क्षण विद्यार्थियों और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने वाले शिक्षकों को प्रफुल्लित करने वाला होता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन की दृष्टि से यह विवि महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। यह पहला विश्वविद्यालय है, जहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए आंतरिक मूल्यांकन व आकलन सम्बन्धी प्रशिक्षण को सम्पन्न कराया गया। खेलकूद एवं विभिन्न प्रतियोगिताओं के जरिए विद्यार्थियों के सर्वांगीड़ विकास पर विशेष जोर है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाएं समस्त छात्र-छात्राओं के लक्ष्य को प्रदान करने में सहायक होंगी।


कुलपति ने जताया आभार
समारोह में सबसे पहले कुपलति प्रो0 कल्पलता पाण्डेय ने समस्त अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल विषम परिस्थिति में कामर्शियल फ्लाईट से वाराण्सी आयीं और वहां से कोहरे का समय होने के बावजूद स़ड़क मार्ग से साढ़े तीन घंटे की यात्रा कर यहां पहुंची, इसके लिए हम सब विशेष अभारी हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय की अब तक उपलब्धियों को विस्तार से बताया। उन्होंने मिसाईल मैन डॉ0 कलाम साहब के साथ श्बियोंड 2020 नामक पुस्तक की रचना करने वाले इसरो के मानद प्रोफेसर पद्मश्री वाईएस राजन के प्रति भी आभार जताते हुए कहा कि प्रो0 राजन का सम्बोधन हमारे विद्यार्थियों के लिए काफी प्रेरणादायी होगा। समारोह में राज्यसभा सांसद नीरज शेखर, जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल, एसपी राजकरन नैय्यर, एसडीएम सदर प्रशांत नायक सहित विवि के स्टाफ व विभिन्न कालेज के प्रबंधक मौजूद रहे।

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