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Ballia : विराट पथ संचलन का किया गया आयोजन


रसड़ा।
मथुरा स्नाकोत्तर महाविद्यालय के प्रांगण से एक विराट पथ संचलन का आयोजन किया गया। यह संचलन मथुरा पीजी कॉलेज से निकल कर नगर के विभिन्न प्रमुख मार्गों से होता हुआ पुनः मथुरा पीजी कॉलेज के प्रांगण में पहुंचा, जहां जन समारोह के रूप में कार्यक्रम का समारोप हुआ। जहां मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, मां दुर्गा, भारत माता, आद्य सरसंघचालक डॉ0 केशवराव बलिराम हेडगेवार और गुरु गोलवलकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर मुख्य अतिथि गोरक्षप्रान्त के सह प्रान्त प्रचारक अजय जी का पाथेय प्राप्त हुआ। संचलन के दौरान जगह-जगह के संभ्रांत लोग व मातृशक्तियों द्वारा संचलन में चल रहे स्वयंसेवकों पर पुष्प वर्षा की गई। संचलन के साथ एक घोष दल भी साथ-साथ चल रहा था। इस अवसर पर मुख्य अतिथि गोरक्ष प्रांत के सह प्रांत प्रचारक अजय ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा भारतीय कालगणना का प्रथम दिन होता है अर्थात इसी दिन से भारतीय नववर्ष का प्रारंभ होता है। सनातन कालगणना सबसे प्राचीन है। सनातन संस्कृति की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा इतिहास अरबों वर्ष पुराना है।

आवश्यकता है अपनी संस्कृति और शक्ति को पहचानने की। हमें अपने संस्कृति पर गर्व करना चाहिए। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। इसी दिन को कई कामों के लिए याद किया जाता है। इस उत्सव का राष्ट्रीय विजय की स्फूर्तिदायक स्मृति से भी संबंध है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जन्मोत्सव का वह नवरात्रों का प्रारंभ सीधी से होता है। इसी दिन विक्रमादित्य द्वारा शकों पर पूर्ण विजय प्राप्त करने के उपलक्ष में विक्रमी संवत का प्रारंभ हुआ। उन्होंने आगे बताया कि नव संवत्सर के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक अर्थात आद्य सरसंघचालक परम पूज्य डॉ0 केशवराव बलिराम हेडगेवार का जन्म वर्ष प्रतिपदा चैत्र शुक्ल पक्ष को हुआ था, जिस कारण स्वयंसेवक इस दिन को काफी उत्साह और धूम-धाम से मनाते हैं। यह दिवस विशेष प्रेरणा व पराक्रम का है। अतः डॉ0 हेडगेवार ने भी एक पराक्रमयुक्त, अनुशासित, विश्वविजयी संगठन का अभिनव, ऐतिहासिक, अद्वितीय कार्य का प्रारंभ किया जिसका नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ था जो आज विश्वव्यापी हो गया है।

उन्होंने आगे बताया कि हम लोग अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं, जिस अंग्रेजों को भारत से भगाने के लिए लाखों लोगों ने अपने प्राणों का उत्सर्ग किया, उसी अंग्रेजों के नये साल को हम लोग मनाते आ रहे हैं। एक जनवरी को कोई ऐसा कार्य नहीं हुआ जिसके लिए उस तिथि को हम लोग याद रखें। यदि समय रहते हम सचेत नहीं हुए तो हम लोग अपनी संस्कृति को नहीं बचा पाएंगे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ज़िला संघचालक वृजराज जी ने इस उत्सव की व्यापकता पर विस्तार से बताया व उपस्थित लोगों को आशीर्वचन दिया। मंच पर उपस्थित ज़िला कार्यवाह सतीश ने कराया। कार्यक्रम के मुख्य शिक्षक गणेश रहे। सह ज़िला कार्यवाह वेद प्रकाश ने आभार ज्ञापित किया। इस अवसर रसड़ा नगर कार्यकारी पदाधिकारी अजय, संजय, विकास, रंजीत, लालजी एवं जिला प्रचारक अनुज, विभाग प्रचारक श्रीप्रकाश एवं सह जिला संघचालक डा0 रामबाबू के साथ विचार परिवार के हजारों व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम की सूचना ज़िला प्रचार प्रमुख डॉ0 आलोक गिरि ने दिया।

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