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Ballia : गाजीपुर से बलिया के मांझीघाट तक बनेगा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे

खुशखबरी
अगले माह से होगा भूमि का सीमांकन, आदेश जारी
बलिया।
गाजीपुर से बलिया के मांझीघाट तक बनने वाले ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे लिए अगले माह भूमि के सीमांकन का कार्य शुरू हो सकता है। यूपीडा और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम भूमि का सीमांकन करेगी। इसके लिए संबंधित तहसील के एसडीएम और तहसीलदार को आदेश भेजा जा चुका है। इसके बाद किसानों से एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि की खरीद शुरू की जाएगी। पुराने एनएच-31 के स्थान पर अब गाजीपुर से मांझीघाट कर चार लेन के ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जाना है।

किसानों से खरीदी जाएगी 765 हेक्टेयर भूमि
सदर और बैरिया तहसील के गांवों के किसानों से लगभग 765 हेक्टेयर भूमि किसानों से खरीदी जाएगी। भूमि खरीद के लिए थ्री डी का प्रकाशन काफी पहले हो गया है। इस बीच पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से ग्रीनफील्ड को जोड़ा भी जाना है। विशेष भूमि अध्यप्ति कार्यालय के अनुसार सीमांकन का कार्य अगले माह शुरू हो सकता है। इसके लिए संबंधित एसडीएम और तहसील को आदेश भेजा जा चुका है। यूपीडा और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम भूमि का सीमांकन करेगी। इसके बाद किसानों से भूमि की खरीद शुरू की जाएगी।

118 किमी लंबा होगा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे लगभग 118 किमी लंबा होगा और ये गोरखपुर-वाराणसी एनएच 29 पर गाजीपुर के जंगीपुर के पास से निकलेगा। गाजीपुर के तहसील सदर और मोहम्मदाबाद से होते हुए यह बलिया जनपद की सीमा में प्रवेश करेगा। एक्सप्रेस-वे जनपद में तहसील सदर के 72 और बैरिया के 16 गांवों से होकर गुजरेगा और मांझी घाट पुल से जुड़ेगा। मांझीघाट पर जयप्रभा सेतु से सटे एक और टू लेन का पुल बनाया जाएगा।


पांच हजार करोड़ रूपये का आएगा खर्च
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के लिए भूमि अधिग्रहण और कंस्ट्रक्शन पर पांच हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। विभाग की ओर से मार्च 2022 से पहले भूमि की खरीद पूरा करने का दावा किया गया था। अप्रैल 2022 से ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू करने की बात कही गई थी। तीन वर्ष में निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था।


98 गांवों से होकर निकलेगा एक्सप्रेस-वे
यूपी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बलिया और गाजीपुर जनपदों कुल 98 गांवों को टच करते हुए निकलेगा। वैसे यह भी माना जा रहा है कि एक्सप्रेस वे के बनने से कटान और बाढ़ से लोगों को राहत मिलेगी। पलायन रूकेगा और रोजगार बढ़ेगा। साथ ही जाम जैसी समस्याओं से सबको निजात भी मिलेगी। कम समय में लोग बलिया से गाजीपुर तक का सफर भी करेंगे और वहां से बड़ी आराम से गाजीपुर से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर चढ़कर लखनऊ तक का सफर करेंगे। अब देखना यह होगा कि इस परियोजना का कार्य कब से शुरू होगा।

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