
पुणे में रहने वाले 43 वर्षीय व्यक्ति और उसके बेटे ने इस साल महाराष्ट्र बोर्ड की 10वीं कक्षा की परीक्षा दी जिसमें पिता तो पास हो गये लेकिन बेटा सफल नहीं हो सका। परिवार चलाने के लिये नौकरी करने की मजबूरी से भाष्कर वाघमरे ने सातवीं कक्षा में ही ढ़ाई छोड़ दी थी और वह फिर से पढ़ाई शुरू करने को लेकर उत्साहित थे। 30 वर्ष के अंतराल के बाद इस साल उन्होंनने अपने बेटे के साथ परीक्षा दी। पुणे शहर के बाबा साहेब आंबेडकर इलाके में रहने वाले वाघमरे निी क्षेत्र में नौकरी करते है। भाष्कर वाघमरे ने बताया िवह हर दिन पढ़ाई करते थे और काम के बाद परीक्षा की तैयारियों में जुट जाते थे।