एकात्म मानववाद के विचार आज भी प्रासंगिक: मंत्री उपेंद्र तिवारी
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बलिया। महरेव गांव स्थित पं दीनदयाल उपाध्याय स्मारक पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन के अवसर पर प्रदेश सरकार के पंचायती राज/खेलकूद युवा कल्याण मंत्री उपेंद्र तिवारी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके जन्मदिन पर उनको श्रद्धाजंलि अर्पित किया। उन्होंने अपने संबोधन मे कहा कि आज का दिन भारतीय जनता पार्टी के लिए बहुत ही विशेष है ।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद के दर्शन पर श्रेष्ठ विचार व्यक्त किये हैं। एकात्म मानववाद के विचार आज के युग में भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने कि उनके काल में थे। एकात्म मानववाद पर उनका कहना था कि हमारे यहां समाज को स्वयंभू माना गया है। राज्य एक संस्था के नाते है। राज्य के समान और संस्थायें भी समय−समय पर पैदा होती हैं। प्रत्येक व्यक्ति इनमें से प्रत्येक संस्था का अंग रहता है। जैसे कुटुम्ब का मैं अंग हूं, जाति व्यवस्था हो तो उसका भी अंग हूं। मेरा कोई व्यापार है तो उसका भी अंग हूं। समाज, समाज के आगे पूर्ण मानवता पर विचार करें तो उसका भी अंग हूं। मानव से बढ़कर यदि हम इस चराचर जगत का विचार करें तो मैं उसका भी अंग हूं। वास्तविकता यह है कि व्यक्ति नाम की जो वस्तु है, वह एकांगी नहीं बल्कि बहुअंगी है परन्तु महत्वपूर्ण बात यह है कि वह अनेक अंगों वाला होकर भी परस्पर सहयोग, समन्वय को पूरकता और एकात्मकता के साथ चल सकता है। हर व्यक्ति को कुछ गुण मिला हुआ है। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से मोतीचन्द्र गुप्ता,अमरजीत सिंह, अवनेन्दर सिंह, सभासद रामजी सिंह, कमलेश सिंह, शशिकला तिवारी,आनंद सिंह, अरविंद तिवारी राजकुमार यादव धीरेंद्र तिवारी गोपाल जी सिंह सहित सैकड़ों कार्यकर्ता ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के प्रतिमा पर अपनी श्रद्धासुमन अर्पित किया
राज्यमंत्री के आवास पर मनाई गई जयंती
एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती बलिया नगर विधायक व उत्तर प्रदेश सरकार के संसदीय कार्य, ग्राम्य विकास राज्यमंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल के आवासीय कार्यालय पर मनाया गया। इस दौरान जिलाउपाध्यक्ष भाजपा श्री संजीव कुमार ‘डम्पू’ जी ने बताया कि भले ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी सशरीर नहीं हैं किन्तु उनका विचार प्रासंगिक हैं। भाजपा के दुबहर मण्डल अध्यक्ष अमित दुबे ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के विचारों को जनजागरण बनाने का काम माननीय प्रधानमंत्री जी व उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी कर रहे हैं साथ ही यह सरकार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मुंह6धारा में जोड़ने के लिए कटिबद्ध हैं। कार्यक्रम में मुख्य रूप से संजीव कुमार सिंह, प्रेम राय, पिन्टू सिंह, श्याम बाबू गुप्ता, अजय गिरी, सोनू शर्मा, विवेक चौबे, पंकज मिश्र, सरदार श्रवण सिंह, अनिल सिंह व आदि लोग उपस्थित रहे
नम्रता, शिष्टता,साहचर्य व एकात्मता की संस्कृति है भारत: प्रो संजीव
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती के अवसर पर आज दिनांक 25 सितंबर को जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ के द्वारा राष्ट्र की अवधारणा: पं दीनदयाल उपाध्याय की दृष्टि विषय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी, बिहार के कुलपति प्रो संजीव शर्मा जी ने कहा कि विश्व के सर्वतोमुखी विकास एवं मानव कल्याण के लिये पश्चिम का दर्शन अनुपयुक्त है और भारतीय दर्शन में विशेषकर एकात्म मानव दर्शन में ही यह क्षमता है कि वह न केवल मानव बल्कि सम्पूर्ण चराचर के कल्याण का हेतु बन सकता है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो पवन शर्मा ने बताया कि एकात्म मानव दर्शन भारत की समाज परम्परा में रचा बसा है और इस परम्परा का मर्मस्पर्शी चित्रण मुंशी प्रेमचंद की कहानी मंत्र में मौजूद है। गढ़वाल विश्वविद्यालय की अंग्रेज़ी विभागाध्यक्ष प्रो०सुरेखा डंगवाल ने बताया कि पश्चिम का दर्शन शक्ति, सत्ता, वर्चस्व, घमंड और संघर्ष जैसे मूल्यों पर आधारित है जबकि भारतीय परम्परा नम्रता, शिष्टता,साहचर्य और एकात्मता की संस्कृति है। भगवान राम और कृष्ण के जीवन चरित इसकी पुष्टि करते हैं। शकुंतला मिश्र पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो राणा कृष्णपाल सिंह ने कहा कि दीनदयाल जी का ध्यान भारत के युवा, किसान और मजदूरों के आर्थिक विकास पर केंद्रित था इसीलिए वे स्वदेशी के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की बात करते थे। वेविनार में मुख्य रूप से देश-विदेश से अनेक गणमान्य शिक्षाविदों, प्राध्यापकों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों के साथ ही साथ डॉ अजय पाण्डेय,डॉ निशा राघव ,डॉ जयशंकर सिंह तथा जम्बू शोध पीठ के डायरेक्टर प्रो जशबीर सिंह ने प्रतिभाग किया।
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