Ads

1 / 3
Caption Text
2 / 3
Caption Two
3 / 3
Caption Three
3 / 3
Caption Three

… जब बलिया जिले में दोबार आये थे प्रभु श्रीराम

बलिया। जिला प्रशासन, संस्कृति, पर्यटन विभाग उ0प्र0 एवं अयोध्या शोध संस्थान के द्वारा प्रदेश में भगवान श्रीराम से जुड़े 17 जिलों में आयोजित किए जाने वाले रामायण कॉन्क्लेव के तृतीय चरण में 8 सितम्बर, बुधवार को 11बजे दिन से गंगा बहुद्देशीय सभागार में रामकथा में भ्रातृप्रेम संगोष्ठी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।
इस संदर्भ में आयोजन समिति के सदस्य साहित्यकार शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने बताया कि भगवान राम के दोबार बलिया आने के साक्ष्य मिलते हैं। पहली बार जब ब्रह्मर्षि विश्वामित्र के साथ उनके यज्ञ की रक्षा के लिये श्री राम लक्ष्मण अयोध्या से सिद्धाश्रम (बक्सर) जाते समय जिले के वर्तमान लखनेश्वरडीह आये थे। श्रीमदबाल्मीकीय रामायण बालकाण्ड के 22वें अध्याय में इसका उल्लेख है कि विश्वामित्र जी ने अयोध्या के दोनों राजकुमारों को इस स्थान पर राक्षसों की मायावी शक्तियों से लड़ने के लिये बला अतिबला विद्या सिखाया था। तेइसवें अध्याय के अनुसार कामदहन भूमि कामेश्वरधाम कारों में इन लोगों ने रात्रि विश्राम किया था। भगवान श्री राम की इस पहली यात्रा के पड़ाव रामघाट नगहर, सुबाहू टीला सुजायत और भरौली, उजियार चिन्हित किये गये हैं। श्री कौशिकेय ने कहा कि दूसरी बार भगवान राम, राजा राम के रुप में बलिया जिले के पचेव में आये थे। बाल्मीकीय रामायण के उत्तरकाण्ड में वर्णित कथानक के अनुसार जब भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न सहित अयोध्या की सम्पूर्ण सेना को राजसूय यज्ञ के अश्व के लिये कुश लव ने पराजित कर दिया था। तब स्वयं राजा राम को आना पड़ा था। इस विवाद का निपटारा स्वयं महर्षि बाल्मीकी ने कराया था।

Jamuna college
Gyan kunj
Jamuna Ram snakottar
Jamuna Ram snakottar
Jamuna Ram snakottar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *