Ballia : लक्ष्मी प्राप्ति के लिये श्वेतार्क गणपति की करें उपासना: आचार्य अखिलेश
बलिया। ज्योतिपर्व दीपावली भारतीय संस्कृति की धर्म कर्मज्ञान एवं आध्यात्म की मंगलमयी भावना का प्रतीक है। इसे धनतेरस से पांच दिनों के श्रृंखलाबद्ध कृत्यों द्वारा संपन्न किया जाता हैैं। इस पर्व को मनाने के वैज्ञानिक आधार भी है। वर्षा ऋतु में अनेक स्वास्थ्य नाशक जीव जंतु सफाई तथा दीप ज्वाला में समाप्त हो जाते है। व्यापारी इस दिन नया बही खाता प्रारंभ करते है। लक्ष्मी प्राप्ति के लिये श्वेतार्क गणपति की उपासना तथा गणपति मंत्र का जप करने से धन धान्य व सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कमलगट्टे की माला से जप करने से धनधान्य एवं सौभाग्य की प्राप्ति होती है एंव कमलगट्टे की 108 आहुतियां देने से घर तथा व्यवसाय केंद्र में लक्ष्मी का वास होता है। दक्षिणावर्ती शंख पर स्वास्तिक बनाकर पूजन करने से और लाल वस्त्र बांधने से लक्ष्मी स्थिर रहती है। थम्हनपुरा निवासी आचार्य डा0 अखिलेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि जिस घर में सूर्याेदय से पहले लोग उठकर स्नान एवं वंदना करते है वहां लक्ष्मी का वास होता है। धनतेरस से लेकर भैयादूज तक लक्ष्मी कल्प माना जाता हैं। इस पांच दिनों मेें राहुकाल को छोड़कर किसी भी समय माता लक्ष्मी, भगवान गणेश की पूजा की जा सकती है। 24 अक्टूबर को राहु काल सुबह 7ः30 बजे से नौ बजे तक है।