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दुश्मनों का काल राफेल वायुसेना में हुआ शामिल, सरहद पार किए बिना दुश्मन को लगा देगा ठिकाने जानें और भी खूबियां

राफेल लड़ाकू विमान आज औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना के बेडे़ में शामिल हो गए। विमानों के वायुसेना में शामिल होने को लेकर अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनकी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पर्ली भी शामिल हुईं।

क्या है राफेल विमान?   
राफेल विमान फ्रांस की विमानन कंपनी दसां एविएशन द्वारा बनाया गया 2 इंजन वाला लड़ाकू विमान है। सबसे पहले 1970 में फ्रांसीसी सेना द्वारा अपने पुराने पड़ चुके लड़ाकू विमानों को बदलने की मांग उठी थी। इसके बाद फ्रांस ने 4 यूरोपीय देशों के साथ मिलकर एक बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान की परियोजना पर काम शुरू किया, लेकिन बाद में उन देशों के साथ फ्रांस के मतभेद हो गए, जिसके बाद फ्रांस ने अकेले ही इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया।  

600 किलोमीटर के टारगेट को पूरी तरह कर देगा तबाह
राफेल एयरक्राफ्ट सरहद पार किए बिना दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने की क्षमता रखता है। बिना एयर स्पेस बॉर्डर क्रॉस किए राफेल पाकिस्तान और चीन के भीतर 600 किलोमीटर तक के टारगेट को पूरी तरह से प्रभावित करने की क्षमता रखता है। यानी अंबाला से 45 मिनट में बॉर्डर पर राफेल की तैनाती और फिर वहीं से टारगेट लोकेट कर पाकिस्तान और चीन में भारी तबाही का इंतजाम इंडियन एयरफोर्स ने कर लिया है। एयर-टू-एयर और एयर-टू-सरफेस मारक क्षमता में सक्षम राफेल की रेंज (एयरबेस से विमान की उड़ान के बाद ऑपरेशन खत्म कर वापस एयरबेस तक लौटने की सीमा) वैसे तो 3700 किलोमीटर बताई जा रही है। मगर चूंकि इस विमान को हवा में ही रिफ्यूल किया जा सकता है। इसलिए इसकी रेंज निर्धारित रेंज से कहीं ज्यादा बढ़ाई जा सकती है। यानी जरूरत पड़ी तो राफेल दुश्मन के इलाके के भीतर जाकर 600 किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी तक ताबड़तोड़ एयर स्ट्राइक कर सकता है।


100 किमी के दायरे में 40 टारगेट एक साथ पकड़ेगा
राफेल की एक बड़ी खासियत यह भी है कि एक बार एयरबेस से उड़ान भरने के बाद 100 किलोमीटर के दायरे में राफेल 40 टारगेट एक साथ पकड़ेगा। इसके लिए विमान में मल्टी डायरेक्शनल रडार फिट किया गया है। यानी 100 किलोमीटर पहले से ही राफेल के पायलट को मालूम चल जाएगा कि इस दायरे में कोई ऐसा टारगेट है, जिससे विमान को खतरा हो सकता है। यह टारगेट दुश्मन के विमान भी हो सकते हैं। टू सीटर राफेल का पहला पायलट दुश्मनों के टारगेट को लोकेट करेगा। दूसरा पायलट लोकेट किए गए टारगेट का सिग्नल मिलने के बाद उसे बर्बाद करने के लिए राफेल में लगे हथियारों को ऑपरेट करेगा।

हवा में ही दुश्मन के विमान का रडार कर सकता है जाम
राफेल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि फाइटर जेट दुश्मन के विमान के रडार को हवा में ही जाम कर सकता है। ऐसा करने से यह विमान दुश्मन के विमान को न केवल गच्चा देने में सक्षम है, बल्कि दुश्मन के विमान को आसानी से हिट भी कर सकता है। राफेल विमान के कॉकपिट में ऐसा सिस्टम डिजाइन किया गया है, जिससे युद्ध के दौरान पायलट का पूरा फोकस फ्लाइंग के साथ-साथ दुश्मन के टारगेट को हिट करने में एकाग्रता के साथ बना रहे। इसके लिए स्मार्ट टेबलेट बेस मिशन प्लानिंग एंड एनालिसिस सिस्टम को अपनाया गया है। यह सिस्टम ऑपरेशन में पायलट की एकाग्रता को बनाए रखने में अहम साबित होगा। यूं कहें कि पायलट तुरंत टारगेट लोकेट करेगा और पूरी एकाग्रता के साथ उसे हिट करेगा इससे टारगेट मिस होने का चांस बहुत कम रहेगा।

एक टन के कैमरे से पिन प्वाइंट पर लगेगा अचूक निशाना
3700 किलोमीटर तक मारक क्षमता रखने वाले फाइटर जेट राफेल भारत आने से न केवल एयर डिफेंस को मजबूती मिलेगी, बल्कि विजिलेंस भी मजबूत हो जाएगा। परमाणु हथियार समेत तमाम मारक हथियारों को इसके माध्यम से लॉन्च किया जा सकेगा। हथियारों की स्टोरेज के लिए छह महीने की गारंटी भी होगी। इन सभी सुविधाओं के अलावा राफेल में रडार सिस्टम पर एक टन के कैमरे की सुविधा उपलब्ध है। यही सुविधा इसे तमाम लड़ाकू विमानों से पूरी तरह से अलग करती है। एक टन के कैमरे से इसका निशाना अचूक होगा। कैमरा इतना सेंस्टिव (संवेदनशील) है कि जमीन पर छोटी से छोटी चीज को भी इससे देखा जा सकेगा। साधारण शब्दों में यदि कहा जाए तो इससे मछली की आंख यानी पिन प्वाइंट पर आसानी से निशाना लगाया जा सकेगा।

कई तरह की आधुनिक तकनीकों से लैस है राफेल
राफेल एक मिनट में करीब 60 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इससे भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण को गति मिलेगी। अभी तक भारतीय वायुसेना का मिग विमान अचूक निशाने के लिए जाना जाता था, लेकिन राफेल का निशाना इससे भी ज्यादा सटीक होगा। राफेल विमान फ्रांस की दसां कंपनी द्वारा बनाया गया 2 इंजन वाला लड़ाकू विमान है। ये युद्ध के समय अहम भूमिका निभाने में सक्षम है। हवाई हमला, जमीनी समर्थन, वायु वर्चस्व, भारी हमला और परमाणु प्रतिरोध ये सारी राफेल विमान की खूबियां हैं। तकनीक में उन्नत यह विमान हवाई निगरानी, ग्राउंड सपोर्ट, इन डेप्थ स्ट्राइक, एंटी-शर्प स्ट्राइक और परमाणु अभियानों को अंजाम देने में दक्ष है। इसमें मल्टी मोड रडार लगे हैं।

 

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