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Ballia : मंत्री का वायरल बयान पकड़ रहा तूल

बलिया। लोकसभा बलिया में चुनाव को लेकर प्रत्याशियों में जुबानी जंग शुरू हो गयी है। जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है वैसे-वैसे सभी दलों के प्रत्याशियों के खेमे में चुनावी गर्माहट बढ़ने लगी है। यहां भाजपा प्रत्याशी और सपा प्रत्याशी के बीच वार पलटवार जारी हो चुका है। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने शुक्रवार को भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर के केंद्रीय चुनाव कार्यालय के उद्घाटन समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि राहुल गांधी स्मृति ईरानी से डर गए हैं, इसलिए अमेठी से चुनाव नहीं लड़ रहे। वहीं, एक सवाल के जवाब में उन्होंने सपा उम्मीदवार सनातन पांडेय के लिए भी कुछ ऐसा कहा कि सोशल मीडिया पर खुद सपा उम्मीदवार सनातन पांडेय ने उस पर पलटवार किया है। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के वायरल बयान के मुताबिक उन्होंने कहा था कि सनातन पाण्डेय के माता-पिता स्वर्ग में दुखी होंगे। क्योंकि सनातन जो नाम रखा है। जबकि ये उस पार्टी के लिए काम कर रहे हैं जो पार्टी सनातन का विरोध कर रही है।

सपा प्रत्याशी सनातन पांडेय ने किया पलटवार
समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सनातन पाण्डेय ने शनिवार को पलटवार करते हुए लोकसभा बलिया की जनता के नाम फेसबुक पोस्ट किया। जिसमें उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दयाशंकर सिंह मेरा नाम बदलने की सलाह दिए हैं। उनका कहना है कि मेरे माता-पिता मेरा नाम सनातन पाण्डेय रखकर स्वर्ग में भी दुखी होंगे। मैं मंत्री से कुछ सवाल पूछना चाहता हूं। उन्हें दिक्कत मेरे नाम के किस शब्द से है, सनातन से या पाण्डेय से? मैं सनातन धर्म में जन्मा निरा ब्राह्मण हूं, जो विशुद्ध मन से अपने धर्म का पालन करता है। फिर मंत्री जी किस लिए ऐसी नसीहत दे रहे हैं? आगे लिखा कि एक बात मंत्री जी से मैं और कहना चाहता हूं कि मेरी माता जी जीवित हैं। स्वर्ग में नहीं, इसी धरती पर हैं। उन्हें मेरा नाम सनातन रखने पर दुःख नहीं बल्कि गर्व है। सवाल किया कि बिना जानकारी के किसी के परिवार से जोड़कर कोई भी अशोभनीय टिप्पणी करते मंत्री श्री सिंह को शर्म नहीं आई। कौन उन्हें यह हक़ देता है कि वे राजनीति में पारिवारिक टिप्पणी करें? मंत्री जी और भाजपा के पास आज बलिया के विकास से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं है। इसलिए, वे ऐसी ओछी राजनीति कर रहे हैं। मंत्री दयाशंकर सिंह को खुद से जुड़ी 2016-17 की वह घटना याद करनी चाहिए। आज सत्ता के मद में ये इतने मस्त हो गए हैं कि कुछ भी ऊल-जुलूल बोले जा रहे हैं।

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