Ads

1 / 3
Caption Text
2 / 3
Caption Two
3 / 3
Caption Three
3 / 3
Caption Three

Ballia : जब तक हम जाति वर्ण का त्याग नहीं करते तब तक समाज का कल्याण नहीं हो सकता: सन्त राम रसिक दास


मझौवॉ (बलिया)।
श्री रामचरित मानस का प्रथम शब्द वर्ण और अन्तिम शब्द मानव है इसका अभिप्राय ये है कि तुलसीदास जी अपने ग्रंथ के माध्यम से ये संदेश देना चाह रहे है कि चारों वर्ण के लोग जब तक ब्राम्हण, क्षत्रीय, वैश्य और शूद्र की भावना त्याग कर मानव नहीं बनेंगे, तब तक समाज का कल्याण नहीं हो सकेगा। उक्त बाते ग्राम पंचायत जगदेवा के चिन्ता मणि राय के टोला स्थित ख्यातिलब्ध ब्रह्मलीन सन्त केसरी दास बाबा के कुटी पर आयोजित नव दिवसीय श्रीराम प्रतिष्ठात्मक यज्ञ में मंगलवार की रात्रि अयोध्या धाम से पधारे सन्त राम रसिक दास जी महाराज ने कहा। बताया कि आज हम वर्ण और जातीय व्यवस्था को लेकर संघर्षरत है, इससे समाज को बहुत ही छति हो रही है। हमें वर्ण व्यवस्था से उपर उठकर समाज में मानवता को स्थापित करना होगा। ये तभी संभव है जब हम श्री राम चरित मानस को पढेंगे, समझेंगे और आत्मसात करेंगे। कथा देर रात तक चलती रही जहां श्रद्धालु नर नारी कथा रूपी सागर में गोता लगाते रहे।

Jamuna college
Gyan kunj
Jamuna Ram snakottar
Jamuna Ram snakottar
Jamuna Ram snakottar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *