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52 वर्ष की तपस्या: बलिया में बना भगवान राम का मंदिर, 22 को होगी प्राण प्रतिष्ठा


मुस्लिम भाईयों ने तैयार किया भगवान राम का मंदिर
रोशन जायसवाल
बलिया।
महर्षि भृगु मंदिर के ठीक सामने पुरानी ठाकुरबाड़ी मंदिर को अब नये लुक में तैयार किया गया है। जीर्ण-शीर्ण अवस्था में ठाकुरबाड़ी मंदिर में विगत 52 वर्ष से आशा देवी पूजन कर रही थी। उन्हें उस दिन का इंतजार था कि अयोध्या में तिरपाल में विराजमान भगवान राम जब भव्य मंदिर में स्थापित होंगे तभी मैं भी अपने प्रभु राम को मंदिर बनाकर इन्हें वहां पुनः स्थापित करूंगी। यह तपस्या अब आशा देवी की पूरी हुई।

22 जनवरी को भगवान राम की मूर्ति की स्थापना के बाद प्राण प्रतिष्ठा होगा। इस अवसर पर लगभग 21 हजार लोग भण्डारे में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण करेंगें। जिले के वरिष्ठ व्यापारी रजनीकांत सिंह व उनके पिता विजय प्रकाश सिंह मंदिर निर्माण में पूरा समय दिया, अब मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुका है।

बताते चले की मकराना (राजस्थान) के साजिद, सादात व समीर ने भगवान राम दरबार को पूरी तरह आकार देते हुए तैयार किया है। सफेद पत्थरों से गर्भगृह को मुस्लिम कारीगर सजाने में लगे हुए है। अयोध्या की तर्ज पर बलिया के इस मंदिर में भी श्रीराम सीता लक्ष्मण और अन्य देवी-देवताओं के करीब 350 से 400 वर्ष तक पुराने विग्रहांे की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हो रही है। मंदिर के जीर्ण-शीर्ण होने पर करीब 700 स्क्वायर फीट जमीन पर मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया है।

प्रथम बलिया के है श्रीराम लक्ष्मण
वैसे यह तीसरा बलिया है। दो बलिया गंगा में विलीन हो चुका है और पहली बलिया के ही श्रीराम लक्ष्मण की मूर्ति आज भी पूरी तरह से सुरक्षित है। लगभग 350 से 400 वर्ष पुरानी है। बताते है कि वर्ष 1894 में बलिया पहली बार और 1905 में दूसरी बार बलिया कटान से विस्थापित हुआ। लोग अपने साथ देवी-देवताओें की प्रतिमाओं को भी ले आये और नयी जगहों पर स्थापित किया। ऐसे में श्रीराम लक्ष्मण की प्राचीन प्रतिमा का दर्शन भृगु मंदिर के सामने श्रीराम जानकी मंदिर मंे होगा।

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