लोकसभा सलेमपुर: क्षत्रिय प्रत्याशी बिगाड़ेगा राजनैतिक दलों का समीकरण!

भाजपा, सपा एवं बसपा को पिछड़ी जाति के प्रत्याशी से आस
नवीन गुप्ता,
बलिया।
यदि सलेमपुर लोकसभा में कोई क्षत्रिय चेहरा चुनाव मैदान में आया तो सभी दलों का समीकरण बिगाड़ सकता है। क्योंकि राजनीति में कब क्या हो जाए? कौन कब मैदान में आ जाए? लड़ाई को रोचक बना दे और लोग उस नेता के साथ हो जाय? यह कहा नही जा सकता है। फिलहाल सलेमपुर लोकसभा से कोई क्षत्रिय चेहरा चुनाव मैदान में नही है।
सलेमपुर लोकसभा में भाजपा से रविन्द्र कुशवाहा, इंडिया गठबंधन में सपा से रमाशंकर राजभर विद्यार्थी और बसपा से भीम राजभर मैदान में है। यहां के चुनाव में कोई क्षत्रिय चेहरा नही है। इस लोकसभा से जब-जब क्षत्रिय और ब्रह्मण एक साथ लड़ा, तब-तब इसका फायदा पिछड़े वर्ग के प्रत्याशी को मिला है। लोकसभा चुनाव-2024 में सभी राजनैतिक दलों ने पिछड़ी जाति पर दांव लगाया है। राजनैतिक पंडितों की माने तो यहां से कोई क्षत्रिय चेहरा मैदान में आ सकता है। अंदर ही अंदर इसकी तैयारी भी चल रही है। सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र से योगेश्वर सिंह एवं राजेश सिंह दयाल चुनाव में ताल नहीं ठोकेंगे।

दोनों दावेदारों ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया हैं। इस बार सलेमपुर लोकसभा से लगातार कई बार कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाले भोला पाण्डेय की कमी खलेगी। वह अभी अस्वस्थ्य चल रहे हैं। उनके पुत्र ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर किया था, लेकिन यह सीट गठबंधन में सपा की झोली में चली गयी। सलेमपुर लोकसभा में भले ही किसी राजनैतिक दल ने किसी ठाकुर या ब्राह्मण को टिकट नहीं दिया है, लेकिन क्षत्रिय चेहरा निर्दल चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। भाजपा ने रविन्द्र कुशवाहा को तीसरी बार चुनाव मैदान में उतारा है। ऐसे में सलेमपुर की जनता इस बार क्या निर्णय लेगी? यह आने वाला वक्त बताएगा। वही, भाजपा का दावा हैं कि तीसरी बार भी हम जीतेंगे। वैसे, विकास का मुद्दा मौजूदा सांसद के सामने आयेगा। जनता पूछ सकती है कि आपके विकास का क्या हुआ?

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